NEWSPR डेस्क। यूं तो बिहार में विकास के बड़े-बड़े दावें की जाती है और विकास एवं साफ-सफाई के नाम पर करोड़ो रुपए खर्च भी किए जाते हैं। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत बिल्कुल ही उल्टा है। कुछ ऐसा ही मामला अररिया जिले के नगर परिषद क्षेत्र के कई वार्डों का है। जहां विकास और साफ-सफाई को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, जो सिर्फ सरकारी फाइलों में ही रह जाता है।
दरअसल, अररिया जैन धर्म शाला के पास डेढ़ करोड़ की लागत से बना मास्टर प्लान नाला मात्र डेढ़ साल के भीतर ही धवस्त हो गया। इतना ही नहीं साफ-सफाई भी सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई है, और सड़कों पर कूड़ा डंपिंग जोन बना दिया गया है। जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई है। कचरों से निकलने वाली दुर्गंध से लोगों का हाल बेहाल है। वहीं लोग जब इसकी शिकायत स्थानीय जनप्रतिनिधि से की तो उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला कि बहुत जल्द ही सब दुरुस्त कर दिया जाएगा। लेकिन सालों से यहां कि हाल ऐसी ही है। ना तो कचरा उठाव का काम हुआ है और ना ही नाला को बनवाया गया है। ऐसे में देखना यह होगा कि नगर प्रशासन इसको लेकर कोई ठोस कदम उठाती है, या फ़िर मामले को यूं छोड़ नगर परिषद चुनाव की तैयारी में जुट जाती है।
अररिया से रविराज की रिपोर्ट