आज नहीं दिखा चांद, अब जुमे के दिन 14 मई को मनाई जाएगी ईद

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। ईद उल फितर मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है, जो रमजान के महीने पूरे होने पर मनाया जाता है. ईद उल फितर के साथ ही रोजे भी खत्म हो जाते हैं. पहले 12 मई को चांद दिखने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिसके बाद अब 14 मई को ईद मनाई जाएगी. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फिरंगी महल लखनऊ ने 14 तारीख को ईद मनाने का ऐलान किया है. मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बयान जारी करते हुए बताया कि 14 मई को ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा. दिल्ली की जामा मस्जिद ने भी इसका समर्थन किया है.

लखनऊ की चांद कमेटी, दिल्ली की जामा मस्जिद और कोलकाता के इमारत-ए-शरैयाह-हिंद ने भी 14 मई को ईद मनाए जाने का ऐलान किया है. इस हिसाब से अब गुरुवार के दिन 30वां रोजा रखा जाएगा और 14 तारीख को ईद मनाई जाएगी. कोरोना संक्रमण की वजह से मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से घर में ही ईद मनाने की अपील की है. ईद को लेकर इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फिरंगी महल लखनऊ ने एडवाइजरी जारी की गई थी.

इसमें मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि घर में ही ईद मनाएं. उन्होंने कहा कि ईद मनाते समय कोरोना वायरस को लेकर जारी किए गए प्रोटोकॉल का पूरा पालन करें. घरों में रहकर ही ईद मनाएं. घर से बाहर न जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि किसी से हाथ न मिलाएं. मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे को मुबारकबाद दें.

इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी. मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ. माना जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी. इस जीत की खुशी में सबका मुंह मीठा करवाया गया था, इसी दिन को मीठी ईदी या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है.

Share This Article