पटना डेस्क
नयी दिल्ली: केंद्र में सत्तासीन भाजपा का राज्यसभा में अब पलड़ा भारी हो गया है। शुक्रवार को हुए चुनाव में पार्टी को आठ राज्यों की 19 सीटों में से आठ पर जीत हासिल हुई है। इससे पहले पार्टी निर्विरोध तीन सीटें जीत चुकी है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन उन बड़े नेताओं में शुमार हैं जिन्हें शुक्रवार को जीत मिली है।
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के राज्यसभा में पहले 90 सदस्य थे। अब 245 सदस्यीय उच्च सदन में उसकी संख्या बढ़कर 101 हो गई है। यहां बहुमत संख्या 123 है। यह पहली बार है जब राज्यसभा में एनडीए की संख्या 100 के ऊपर पहुंची है। उच्च सदन में अकेले भाजपा के पास 86 सीटे हैं। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के पास 65 सीटें हैं। एनडीए को यदि बीजू जनता दल (बीजेडी), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़घम (एआईएडीएमके) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) जैसे दलों का समर्थन मिलता है तो उसके पास बहुमत का पर्याप्त आंकड़ा है और वह संसद में महत्वपूर्ण कानून बनाने की स्थिति में आ जाएगा।
लोकसभा में एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत है। पहले 10 राज्यों की 24 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव शुरू में 26 मार्च को होने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण इन्हें स्थगित करना पड़ा था। कर्नाटक से पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और अरुणाचल प्रदेश से एक उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। राज्यसभा की बची हुई सीटों के लिए शुक्रवार को चुनाव हुए। इस चुनाव में लगभग एक हजार विधायकों ने हिस्सा लिया।
गुजरात से भाजपा को तीन सीटें मिली हैं। मार्च से अब तक आठ विधायकों के इस्तीफे की वजह से कांग्रेस को राज्य से दूसरी सीट पर जीत नहीं मिल पाई। परिणाम की घोषणा में देरी हुई क्योंकि कांग्रेस ने मांग की कि चुनाव आयोग विभिन्न आधारों पर भाजपा के दो वोटों को अमान्य करे।