NEWSPR डेस्क। अपने नास्तिक फिल्म का गाना सुना ही होगा “देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान” आज ये गाना सही साबित हो रहा है, मामला सुपौल से जुड़ा है. जहाँ मामला 2 अप्रैल की दोपहर सदर प्रखंड के चैनसिंहपट्टी निवासी विकास कुमार अपनी पत्नी बबीता कुमारी को प्रसव पीड़ा होने पर सदर अस्पताल लाया. जहां ई रिक्सा पर ही बबीता ने बच्चे को जन्म दे दिया.
इसके बाद विकास ने ऑन ड्यूटी नर्स को इस बात की जानकारी देते पीड़िता के पास चलने की गुहार लगाते रहे. लेकिन नर्स विकास की एक भी नहीं सुनी. नर्स अपने निजी कार्य में व्यस्त रही. इसके बाद सदर अस्पताल में तैनात महिला सुरक्षा गार्ड ने भी नर्स से पीड़िता को चल कर देख लेने की बात कही. लेकिन नर्स ने उसे भी फटकार लगा दिया.
वहां मौजूद मीडिया कर्मी ने भी नर्स से पीड़िता को देख लेने की बात कही. लेकिन नर्स मीडिया कर्मी से ही उलझ गयी. इस दौरान नर्स चाय की चुस्की लेती रही. इधर प्रसूता खून से लथपथ बेहोश हो चुकी थी. काफी हो हंगामे के बाद पीड़िता को भर्ती कराया गया. मालूम हो कि मामले में पीड़ित परिजन द्वारा लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया था.
इन स्वास्थ्य कर्मियों पर लगे आरोप की जांच के बाद सिविल सर्जन ने कार्रवाई की है. सीएस डॉ इंद्रजीत प्रसाद ने बताया कि प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए ए ग्रेड नर्स बबीता कुमारी, श्यामलता, मीना कुमारी एवं रूपम को निलंबित किया है.निलंबित अवधि में उनका मुख्यालय जिले विभिन्न पीएचसी निर्धारित किया गया है.
जिसमें ए ग्रेड नर्स बबीता कुमारी को अनुमंडलीय अस्पताल निर्मली, श्यामलता को एलएन अस्पताल वीरपुर, मीना कुमारी को रेफरल अस्पताल राघोपुर एवं रूपम कुमारी को सदर अस्पताल से हटाकर छातापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरण किया गया है.