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बिहार सरकार ने नागरिक सेवाओं को और अधिक सरल और सुलभ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 2025’ को मंजूरी दी गई है। यह नया नियम वर्ष 1999 की पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह बदल देगा और नागरिकों को अधिक तेज, पारदर्शी और डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
अब पंचायत सचिव देंगे प्रमाण पत्र
नवीन नियमावली के तहत अब ग्राम पंचायत सचिव के स्तर पर ही जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। इसका मतलब है कि ग्रामीण नागरिकों को प्रमाण पत्र के लिए अब प्रखंड या जिला कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की नई व्यवस्था:
- 30 दिन के भीतर आवेदन करने पर पंचायत सचिव सीधे प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
- यदि 30 दिन से 1 साल के भीतर आवेदन होता है, तो प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी की संस्तुति आवश्यक होगी।
- 1 वर्ष से अधिक समय बीत जाने पर बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) की स्वीकृति से प्रमाण पत्र मिलेगा।
मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नए निर्देश:
- मृत्यु की सूचना 21 दिनों के भीतर दर्ज कराना अनिवार्य किया गया है।
- प्रमाण पत्र पंचायत सचिव या नगर निकाय के पंजीकरण कार्यालय से प्राप्त किया जा सकेगा।
नई नियमावली के प्रमुख लाभ:
- ग्रामीणों को अपने क्षेत्र में ही प्रमाण पत्र की सुविधा मिलेगी, जिससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।
- प्रक्रिया डिजिटल होने से डेटा प्रबंधन बेहतर होगा और सरकारी योजनाओं से जुड़ाव भी तेज होगा।
- नागरिकों को समयबद्ध और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।
- प्रशासनिक प्रणाली और सेवा वितरण तंत्र अधिक मजबूत और जवाबदेह बन सकेगा।