NEWSPR डेस्क। प्रवासी मज़दूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश देते हुए कहा कि सभी प्रवासी मज़दूरों और असंगठित मज़दूरों का रजिस्ट्रेशन 31 जुलाई तक किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र सरकार से प्रवासी मज़दूरों के लिए राशन और समुदायिक रसोई जारी रखने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, ”जिन राज्यों ने वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम लागू नहीं किया है, उन्हें 31 जुलाई तक लागू करनी होगी।” इसके साथ ही कोर्ट ने कहा, ”सभी राज्य प्रवासी कामगारों को राशन मुहैया कराने के लिए योजना लाए और सभी राज्यों को 1979 के कानून के तहत सभी ठेकेदारों को पंजीकृत करने का आदेश दिया गया है।”
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्यों को अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटित करने को कहा है। अदालत ने कहा कि राज्यों को प्रवासियों को सूखा राशन वितरण के लिए एक योजना लानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए निम्नलिखित निर्देश:
1: केंद्र सरकार को असंगठित और प्रवासी श्रमिकों को पंजीकृत करने के लिए एनआईसी के परामर्श से एक पोर्टल विकसित करने और 31 जुलाई, 2021 तक प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।
2: केंद्र को प्रवासियों के लिए राज्य की मांगों के अनुसार खाद्यान्न आवंटित और वितरित करने का निर्देश दिया।
3: राज्य 31 जुलाई तक प्रवासी श्रमिकों को सूखा राशन उपलब्ध कराने की योजना लाएंगे। ऐसी योजना महामारी जारी रहने तक लागू रहेगी।
4: जिन राज्यों ने वन नेशन, वन राशन योजना लागू नहीं की है, उन्हें 31 जुलाई, 2021 से पहले लागू करने के लिए कहा गया है।
5: राज्यों ने सभी प्रतिष्ठानों और ठेकेदारों को अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार (रोजगार नियमन एवं सेवा शर्तें अधिनियम) 1979 के तहत पंजीकृत करने का निर्देश दिया।