Patna Desk: कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हुई थी. ये खबर थी यौन उत्पीड़न. खबर की ओर बढ़ने से पहले जानते है यौन उत्पीड़न के मामले…
भारत में हर रोज़ औसतन 90 से अधिक रेप के मामले दर्ज किए जाते हैं. जिसमें कुछ को न्याय मिलता है तो कुछ की और बांकि फाइल में बंधकर ही रह जाती है.
अब आते है खबर पर…
चेन्नई का एक स्कूल. जहां के एक स्कूल टीचर पर छात्रों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस मामले में आरोपी को अरेस्ट भी किया गया था. स्कूल प्रशासन ने उसे सस्पेंड कर दिया था. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. उसी शहर से. जिन टीचर पर आरोप है, वो कॉमर्स पढ़ाते थे. छात्रों ने इन पर सालों से यौन उत्पीड़न करने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है. शिकायतकर्ता में मौजूदा छात्रों के साथ-साथ पासआउट छात्र भी शामिल हैं.
एक टीवी चैनल के रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल एलुमिनाई असोसिएशन का कहना है कि अलग-अलग बैच के छात्रों की ओर से उन्हें 500 से ज्यादा शिकायती मैसेज मिले हैं. सोशल मीडिया और स्कूल एलुमिनाई असोसिएशन की ओर से मेल के जरिए शिकायत मिलने के बाद स्कूल मैनेजमेंट ने आरोपी टीचर को सस्पेंड कर दिया है. मैनेजमेंट की ओर से कहा गया है,
हमने आरोपों पर संज्ञान लिया है. जांच इंटरनल कमेटी को भेज रहे हैं. जांच एकदम निष्पक्ष और पारदर्शी होगी. सभी शिकायतों और आरोपों की जांच कमेटी करेगी. हम भावनाओं को समझ रहे रहे हैं. छात्र निश्चिंत रहें, जांच रिपोर्ट आने पर आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. टीचर को जांच होने तक सस्पेंड कर दिया गया है.
मैनेजमेंट में आगे कहा, आरोपी टीचर को किसी भी छात्र से कॉन्टैक्ट न करने की हिदायत दी गई है. बच्चों की सेफ्टी सबसे पहले है. हम अपने छात्रों के खिलाफ किसी भी तरह के दुर्वव्यवहार या उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
स्कूल एलुमिनाई असोसिएशन ने मेल में क्या लिखा है?
स्कूल एलुमिनाई असोसिएशन ने स्कूल मैनेजमेंट को मेल कर बताया था कि छात्रों के साथ गलत व्यवहार की वजह आरोपी टीचर को इससे पहले वाले स्कूल से निकाल दिया गया था. वह खुद को पिता समान बताकर लड़कियों को अपनी गोद में बैठने के लिए मजबूर करता था. इसके साथ ही उन्हें किस भी करता था. स्कूल एलुमिनाई असोसिएशन ने कहा कि अगर पिछले स्कूल ने ही इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई होती या वर्तमान स्कूल मैनेजमेंट ने उसे नौकरी पर रखने के पहले उसके बारे में जांच पड़ताल की होती, तो ये नौबत न आती.
टीचर ने फेल करने की धमकी दी थी
मेल में स्कूल एलुमिनाई असोसिएशन ने बताया है कि जब छात्रों ने इस बारे में बताना चाहा, तो उन्हें चुप करा दिया गया. आरोपी ने उन्हें परीक्षा में फेल करने तक की धमकी दे डाली. इसके अलावा उस टीचर ने छात्रों की क्लास में इंसल्ट भी की. पूर्व छात्रसंघ के मुताबिक, छात्राओं को परेशान करने के अलावा, टीचर ने लड़कों के साथ भी मारपीट की. उन्हें पूरी क्लास के सामने अभद्र शब्दों का इस्तेमाल कर शर्मिंदा भी किया था.
ईमेल के जरिए मैनेजमेंट को ये भी बताया गया है कि आरोपी क्लास टीचर भी था, इस वजह से उसके पास स्टूडेंट्स की पर्सनल डिटेल्स भी थी. जैसे की फोन नंबर, माता-पिता की कॉन्टैक्ट डिटेल्स और घर का पता आदि. जिसका “मिस यूज़” भी किया गया. वहीं छात्राओं ने आरोप लगाया कि टीचर ने कई लड़कियों को मैसेज किए थे और जब उन्होंने जवाब देने से मना किया तो उनको धमकी देने लगे.
संघ का कहना है कि स्कूल में टीचर की ये हरकत स्कूल प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी का नतीजा है. आरोप है कि टीचर अपनी बाइक पर एक बार में तीन से अधिक छात्राओं को ‘मंदिर के दर्शन’ कराने ले जाता था. और ऐसा अक्सर स्कूल के समय या फिर शाम के वक्त करता था. जब छात्राएं मना कर देतीं, तो उन्हें उनके क्लासमेट्स के सामने कैरेक्टरलेस कहकर ज़लील करता.
छात्रा ने साझा किया अपना अनुभव
स्कूल एलुमिनाई असोसिएशन ने मेल में मैनेजमेंट को एक छात्रा का अनुभव भी साझा किया. बताया कि एक छात्रा को आरोपी शिक्षक ने मैसेज करके क्लास में 7:30 के बजाए 7 बजे आने को कहा था. जब वह क्लास में पहुंची तो उसने देखा की पूरी क्लास में सिर्फ आरोपी टीचर ही मौजूद है. टीचर ने उसे जबरदस्ती किस किया और उसके साथ छेड़छाड़ की. जब छात्रा शिकायत करने पहुंची तो उसे ही झूठे आरोप में फंसा दिया. साथ ही उसे 11 वीं कक्षा में ही रोक दिया गया. और बाद में उसी टीचर ने उसका कई बार शारीरिक शोषण किया.
स्कूल एलुमिनाई असोसिएशन ने आरोप लगाया कि आरोपी टीचर कम नंबर लाने वाले बच्चों को जानबूझ कर देर तक स्कूल में रोकाता और एक्स्ट्रा क्लास के बहाने छात्रों के साथ जबरदस्ती करता. और तो और कभी कभी कोचिंग के बहाने उन्हें अपने घर पर भी बुलाता और उनको शोषण करता. स्कूल एलुमिनाई असोसिएशन ने स्कूल प्रशासन से मांग की कि आरोपी टीचर पर POCSO एक्ट और IPC के तहत रेप, यौन उत्पीड़न, आपराधिक धमकी सहित अन्य मामले दर्ज किए जाने चाहिए. जिससे ऐसी हरकत दोबारा करने की कोई सोच भी न सके.