मौसम अनुकूल रहने पर इस वर्ष अच्छी होगी खरीफ फसलों की उपज: प्रेम कुमार

Sanjeev Shrivastava


पटना: बिहार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार के लगभग सभी जिलों में वर्षों बाद समय पर वर्षा हो रही है। मौसम अनुकूल होने के कारण इस वर्ष खरीफ फसलों की उपज अच्छी होने की सम्भावना है। विगत कई वर्षों से अल्पवृष्टि, अतिवृष्टि, बाढ़ आदि की स्थिति का सामना किसानों को करना पड़ रहा था। इस वर्ष पूरे प्रदेश में समय पर वर्षा होना खेती किसानी के लिए अच्छी बात है।

डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्यों में कुछ जिलों में बाढ़ के कारण धान के रोपनी सुस्त जरूर पड़ी है परन्तु शेष जिलों में धान की रोपनी का कार्य काफी तेजी से चल रहा है। इस खरीफ मौसम में राज्य में 33,00,000 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 15,17,444 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है, जो 45.98 प्रतिशत है। पिछले वर्ष 18 जुलाई तक 8,29,234 हेक्टेयर क्षेत्र में धान का आच्छादन हो पाया था। पिछले वर्ष से तुलना की जाये तो इस वर्ष धान का आच्छादन लगभग दो गुणा अधिक क्षेत्रों में हुआ है। इसी प्रकार इस वर्ष खरीफ मौसम में मक्का का आच्छादन लक्ष्य 4,50,000 हेक्टेयर निर्धारित है, जिसके विरूद्ध अभी तक 3,47,914 हेक्टेयर में मक्का का आच्छादन हुआ है, जो 77.31 प्रतिशत है। पिछले वर्ष 18 जुलाई तक मात्र 2,78,831 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का का आच्छादन हो पाया था।

डॉक्टर प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में समय पर वर्षापात होने से धान का बिचड़ा समय पर तैयार हो गया है। इस खरीफ मौसम में धन बिचड़ा का आच्छादन लक्ष्य 3,30,000 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 3,13,287 हेक्टेयर में धान बिचड़ा का आच्छादन हुआ है, जो 94.94 प्रतिशत है। इस वर्ष राज्य में 01 जुलाई से 16 जुलाई तक सामान्य वर्षापात 355.6 मिली होनी चाहिए थी, जिसके विरूद्ध इस अवधि में वास्तविक वर्षापात 516.8 मिली हुआ है, जो सामान्य से 45 प्रतिशत अधिक है।

प्राप्त सूचना के अनुसार राज्य के 04 जिलों मुंगेर, शेखपुरा, सहरसा तथा कटिहार को छोड़कर राज्य के शेष 34 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षापात रिकॉर्ड किया गया है। समय पर वर्षा होने के कारण राज्य के किसान भाई – बहनों को धान का बिचड़ा लगाने के साथ-साथ धान की रोपनी करने एवं मक्का की खेती करने में काफी सहयोग मिल रहा है। बिहार सहित पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से आक्रांत है, ऐसी परिस्थिति में राज्य में समय पर वर्षा होने से बिहार में वापस लौटे प्रवासियों के लिए कृषि के क्षेत्र में जहां रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिल रहे हैं, वहीं राज्य के किसान भाई-बहनों को भी धान की खेती करने में मजदूरों की उपलब्धता सहज हो रही है, जिससे किसान आसानी से धान की रोपनी कर रहे हैं। बिहार में कहीं भी खाद एवं कीटनाशी की कोई कमी नहीं है। राज्य में समय पर खेती होने से फसलों के अधिक उत्पादन एवं उत्पादकता प्राप्त होगी, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

उन्होंने किसानों से अपील किया कि धान की रोपनी समय पर कर लें। सरकार किसानों को हरसंभव सहायता करने के लिए कृत्तसंकल्पित है।

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