जहां बाढ़ अपना प्रलयकारी रूप धारण कर लिया है। सैकड़ों गांव स्कूल सड़क जलमग्न हो गया है । तो वहीं देश के 52 शक्तिपीठों में से एक मुंगेर का चंडिका स्थान जहां सती का बायां नेत्र गिरा था इस कारण यहां नेत्र की पूजा होती है । पर बाढ़ ने यहां भी अपना डेरा जमा लिया है । जहां माता के गर्भ गृह में 5 से 6 फीट तक पानी है तो वहीं मंदिर के पूरे पसीसर में लगभग दो फीट तक पानी फैल गया है । एक मान्यता के अनुसार मां गंगा हर साल अपनी बहन मां चंडिका से मिलने चंडिका स्थान आती है और मां के नेत्र को स्पर्श कर वापस लौट जाती है ।
वहीं गर्भ गृह में पानी आ जाने से भक्तों के लिए मन्दिर को बंद कर दिया गया है। अब भक्त अगले आदेश तक मंदिर के मुख्य गेट पर ही पूजा कर सकेंगे । और सुबह और शाम की आरती मंदिर के पीछे से होगी । मंदिर के कोषाध्यक्ष ने बताया कि कल शाम 8 बजे बगल में बना बांध एका एक टूट गया । जिस कारण मंदिर बाढ़ के पानी से भर गया । मंदिर अध्यक्ष के निर्देश के बाद मंदिर को भक्तों के लिय बंद कर दिया गया है । अब भक्त मंदिर के मुख्य गेट से पूजा अर्चना आकर सकते है।