बिहार में नेता तो बहुत होंगे, लेकिन फिर कोई दूसरा लालू नहीं होगा

Sanjeev Shrivastava

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रीम्स से दिल्ली एम्स शिफ्ट हो रहे हैं लालू प्रसाद यादव

NEWSPR डेस्क। पटना राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे हैं. तबियत बेहद खराब है. शुक्रवार देर रात से ही पत्नी राबड़ी देवी, दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप काफी भावुक और चिंतित हैं. अब उन्हें दिल्ली एम्स शिफ्ट कराया जा रहा है. परिवार के साथ विशेष एयर एंबुलेंस से वे दिल्ली निकलने वाले हैं.

चरवाहे के बेटे ने तय किया बिहार का भविष्य :

सितम में पले बढ़े लालू प्रसाद यादव की कहानी ऐतिहासिक है. जेपी के चेलों में इकलौते ऐसे नेता थे, जो अपनी करिश्माई छवि से लोगों के दिलों पर छा गए. दशकों राज किया, और आज भी दिलों दिमाग में घर कर गए हैं. गांव के पगडंडी से निकलकर यह सफर तय करना आसान नहीं था. एक चरवाहे के बेटे ने उस सफर को भी तय कर दिखाया, जो करना उस दौर में जमींदारों को छोड़कर सबके बूते की बात नहीं थी.

बिहार का भविष्य तय कर दिया. उस दौर को बदल दिया, जिस दौर को उसने बचपन में झेला था. ललुआ कहलाने वाले समाज के इस लड़के का खुद को लड़कर श्री लालू प्रसाद यादव बनाना अपने आप में कितना संघर्षपूर्ण रहा होगा. दूसरा कोई बयां भी नहीं कर सकता.

बिहार के इकलौते नेता लालू प्रसाद यादव हैं, जो जेल के अंदर रहने के बाद भी सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहते हैं. आप उनके कायल हो सकते हैं. उनकी आलोचना या निंदा कर सकते हैं. लेकिन देश या बिहार की राजनीति में उन्हें नजर अंदाज नहीं कर सकते.

लालू की आत्मकथा अंग्रेजी में Gopalganj to Raisina- My Political Journey और हिंदी में ‘गोपालगंज से रायसीना- मेरी राजनीतिक यात्रा’ नाम से आई पुस्तक में लालू ने अपने दर्द को साझा भी किया है. जो उन्हें सत्ता के शिखर पर पहुंचने के बाद भी कुरेदते रहता है. खैर बिहार में बहुत नेता होंगे, लेकिन फिर कोई दूसरा लालू नहीं होगा.

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