NEWSPR डेस्क। पटना बिहार में प्रदूषण इन दिनों कहर बरपा रहा है। नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स की ओर से जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक बिहार के कई जिलों में हवा खराब ही नहीं बिल्कुल खतरनाक है। जहां सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे पहला नंबर कटिहार का है, जहां एक्यूआई लेवल इस स्तर तक पहुंच गया है, जिसे खतरनाक माना जाता है। कटिहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार हो गया है। वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को अन्य शहरों के आंकड़े भी दर्ज किये गये हैं, जो स्थिति की भयावहता को बता रहे हैं। राजधानी पटना में सभी इलाकों में हवा खराब है।
कटिहार में स्थिति खराब
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक शुक्रवार को राज्य का सबसे प्रदूषित शहर कटिहार रहा। जहां एक्यूआई 402 दर्ज किया गया। इसके अलावा बेगूसराय, दरभंगा, मोतिहारी और पूर्णिया सहित सिवान में भी स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। बेगूसराय में एक्यूआई 305 दर्ज किया गया। कटिहार के मिरचाईबाड़ी में 402 दर्ज किया गया। जो बेहद खतरनाक स्तर है। समस्तीपुर में ये लेवल 299 है। सीवान में 312 दर्ज किया गया। उसके अलावा औरंगाबाद में 210, भागलपुर में 202, आरा में 202, बिहारशरीफ में 201, छपरा में 252, दरभंगा में 312 एक्यूआई दर्ज किया गया।
राजधानी पटना का हाल बेहाल
इसके अलावा गया में 214, हाजीपुर में 178, किशनगंज में 166, मोतिहारी में 373, मुंगेर में 177, मुजफ्फरपुर में 268 और पटना दानापुर डीआरएम कार्यालय के पास 242 एक्यूआई दर्ज की गई है। पटना के तारामंडल एरिया में 240, मुरादपुर में 277, राजवंशी नगर में 255, और समनपुरा में 256 एक्यूआई दर्ज की गई है। पूर्णिया के मरियम नगर में 321 और सासाराम में 156 एक्यूआई दर्ज की गई है। जो बेहद खराब मानी जाती है। चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को इस दौरान सावधान रहना चाहिए। लोगों को मास्क और मुंह ढंकने के लिए सूती कपड़े का प्रयोग करना चाहिए।
लोगों को सावधान रहना जरूरी
प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद चिकित्सकों ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है। सांस की तकलीफ झेल रहे मरीजों को बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। चिकित्सकों का कहना है कि बिहार में हवा की गुणवत्ता सही नहीं है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (BSPCB) का कहना है कि जिन इलाके में एक्यूआई लेवल 301 से अधिक है तो वहां की हवा बहुत ही खराब है। उन इलाकों में बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा बाहर नहीं रहना चाहिए।
प्रदूषण के मानक
आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को 8 प्रदूषण कारकों के आधार पर तय किया जाता है। जिसमें PM10, PM 2.5, NO2, SO2, CO2, O3, और NH3 पीबी होता है। 24 घंटे में इन कारकों की मात्रा ही हवा की गुणवत्ता तय करती है। हवा में जहरीले पार्टिकल के मिल जाने पर आंख, गले और फेफड़े की तकलीफ बढ़ जाती है। सांस लेते वक्त इन कणों को हमारे शरीर में जाने से रोकने का कोई सिस्टम नहीं है। बीमार लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। लगातार इन हवाओं के संपर्क में रहने से स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है।