एसएसपी सुशील कुमार की मानवता ने जीता दिल,श्रावण मास की तीसरी सोमवारी: गरीबनाथ मंदिर में उमड़ी भक्ति की बाढ़

Jyoti Sinha

श्रावण मास की तीसरी सोमवारी को मुजफ्फरपुर का गरीबनाथ मंदिर भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो उठा। जैसे ही यह पावन दिन आया, बाबा भोलेनाथ की आराधना में डूबे श्रद्धालुओं का सैलाब मंदिर से लेकर गलियों तक उमड़ पड़ा। “हर हर महादेव” के गगनभेदी उद्घोष से पूरा शहर गूंज उठा।इसी आस्था के सागर में एक क्षण ऐसा भी आया, जिसने हर किसी का दिल छू लिया। भीड़ में एक परेशान पिता अपने छोटे बच्चे को लेकर असमंजस की स्थिति में खड़ा था। भगदड़ जैसी स्थिति में वह अपने बच्चे को खोने के डर से कांप रहा था। तभी मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक श्री सुशील कुमार की नजर उस शख्स पर पड़ी। इंसानियत से भरे अपने कर्तव्य का पालन करते हुए उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप किया। अपने सुरक्षाकर्मी की मदद से बच्चे को भीड़ से सुरक्षित बाहर निकाल कर पिता से मिलवा दिया।पुत्र को सकुशल पाकर पिता की आंखें भर आईं। यह क्षण केवल राहत नहीं, बल्कि विश्वास और संवेदना की मिसाल बन गया।

उपस्थित श्रद्धालुओं ने ताली बजाकर मुजफ्फरपुर पुलिस के प्रति आभार प्रकट किया — “बाबा की तरह रक्षा की आपने!”यह दिन केवल पूजा का नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और मानवीयता का प्रतीक बन गया।करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने गंगाजल से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया, जबकि चार लाख से अधिक भक्तों ने मंदिर पहुंचकर अपनी श्रद्धा अर्पित की। रात 12 बजे से ही लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं, जो दो किलोमीटर तक फैली थीं। भक्त अपने दुःख-दर्द, मनोकामनाओं और प्रेम का अर्घ्य लेकर बाबा के दरबार में पहुंचे थे।गरीबनाथ मंदिर, जिसे उत्तर बिहार का बाबा धाम कहा जाता है, आज सिर्फ आस्था का स्थल नहीं, बल्कि सेवा, सुरक्षा और सहानुभूति का सजीव उदाहरण बन गया। शहर में RDS कॉलेज टेंट सिटी, धर्मशालाएं, CCTV निगरानी और अन्य व्यवस्थाएं एक आदर्श श्रद्धालु अनुभव सुनिश्चित कर रही थीं।

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