NEWSPR डेस्क। लखनऊ में शुक्रवार को बिहार पुलिस ने सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की। सुब्रत रॉय के खिलाफ गैर-जमानती वारंट है। बिहार पुलिस के साथ यूपी पुलिस की टीमें भी थीं। पुलिस ने गोमतीनगर स्थित सहारा शहर में दबिश दी लेकिन सुब्रत रॉय नहीं मिले। सुब्रत रॉय साल 2016 से जमानत पर हैं। फिलहाल, यह मामला बिहार के जिला उपभोक्ता फोरम नालंदा की तरह से दायर किया गया है। उसी के तहत गैर जमानती वारंट जारी हुआ था जिसकी तामील के लिए बिहार पुलिस लखनऊ आई थी। बाद में सहारा समूह की ओर से कहा गया कि एक सप्ताह में पैसे अदायगी के आश्वासन पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट रद्द कर दिया।
यह केस सहारा बैंक में निवेश संबंधी गड़बड़ी को लेकर है। बिहार में सहारा बैंकिंग के एक निवेशक ने सुब्रत रॉय के खिलाफ नालंदा उपभोक्ता अदालत में केस दर्ज किया था। इसी की सुनवाई पर सुब्रत रॉय को कोर्ट के सामने हाजिर होना था लेकिन कई बार समन जारी करने के बाद भी वह पेशी पर नहीं पहुंचे। इसी के बाद उनके खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट इशू कर दिया। केवल बिहार से ही ऐसा मामला सामने नहीं आया है, इससे पहले अप्रैल में रॉय को गिरफ्तार करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस की टीम भी यूपी आई थी। मध्य प्रदेश के दतिया में रॉय के खिलाफ 14 केस दर्ज हैं।
बिहार में यह थी शिकायत
बिहार के नवादा शहर की पूनम सिन्हा ने उपभोक्ता फोरम में सहारा इंडिया बैंक के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसमें कहा गया था कि पूनम सिन्हा के पति निर्मल कुमार सिन्हा ने सहारा बैंक में 12.04 लाख रुपये जमा किए थे। बैंक को यह रकम ब्याज सहित साल 2019 में उन्हें लौटानी थी। लेकिन इस बीच निर्मल कुमार सिन्हा की मौत हो गई।
अब पूनम सिन्हा ब्याज सहित जमा रकम निकालने के लिए बैंक पहुंचीं। लेकिन बैंक ने पैसा तो नहीं लौटाया बल्कि उन्हें सलाह दी कि वह इस पैसे को किसी दूसरी स्कीम में लगा दें। लेकिन पूनम को पारिवारिक जरूरतों के लिए पैसे की जरूरत थी। पूनम का आरोप है कि उनके जोर देने पर बैंक कर्मचारियों ने सहयोग करना बंद कर दिया। इससे परेशान होकर पूनम सिन्हा ने सहारा इंडिया के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कर दिया।
इस मामले में लखनऊ के डीसीपी एस.एस कासिम आब्दी ने बताया कि नॉन बेलेबल वारंट की तामील के लिए सुब्रत रॉय को खोजा जा रहा था। इसके तहत संभावित जगहों पर पुलिस छापेमारी कर रही थी। पुलिस को आशंका थी कि सुब्रत राय सहारा अपने लखनऊ स्थित आवास पर छिपे हैं लेकिन करीब एक घंटे की छापेमारी के बाद भी सुब्रत रॉय नहीं मिले और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।