NEWSPR DESK: नहाय खाय के साथ आज से चार दिवसीय छठ की शुरुआत हो गई है. लेकिन इन सब के बीच लोग प्रशासन के खिलाफ गोलबंद होने लगे हैं. सोशल मीडिया में देर रात से ही ‘छठ तो घाट पर ही होगा’ हैश टैग के साथ ट्रैंड कर रहा है. लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग इसे इसी हैश टैग के साथ रीट्वीट कर चुके हैं.
कोरोना काल में छठ:-
जिला प्रशासन की ओर से कोरोना को देखते हुए गाइडलाइन्स जारी किए गए हैं. लेकिन लोग किसी प्रकार के नियम कायदे कानून मानने के लिए तैयार नहीं हैं. काली घाट पटना पहुंचे व्रतियों ने बताया कि सरकार कोई पाबंदी लगाए आस्था से कोई समझौता नहीं होगा. हमलोग जैसे छठ मनाते आए हैं. वैसे ही इसबार भी छठ मनाएंगे.
गौरतलब है कि निर्जला अनुष्ठान के पहले दिन बुधवार (18 नवंबर) को व्रती घर, नदी, तालाबों आदि में स्नान कर अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद ग्रहण करेंगे. 19 नवंबर को खरना करेंगे. इस दिन व्रती दिनभर निर्जला उपवास रखने के बाद शाम को दूध और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद खाकर चांद को अर्घ्य देंगे और लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत उपवास शुरू करेंगे. 20 नवंबर को व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे और 21 नवंबर को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महाव्रत संपन्न करेंगे.
चंद्रमोहन