NEWSPR डेस्क। आजादी की लड़ाई में बिहार के तारापुर का गोलीकांड कितनी महत्वपूर्ण घटना थी। इस घटना की जितनी चर्चा होनी चाहिए थी, शायद उतनी हो नहीं पाई है। आपको बता दें कि तारापुर बिहार के मुंगेर जिले का एक अनुमंडल है। यह कस्बानुमा शहर तारापुर 15 फरवरी 1932 को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा हुए भीषण नरसंहार के लिये प्रसिद्ध है। 34 वीरों ने तारापुर थाना भवन पर तिरंगा फहाराने के संकल्प को पूरा करने के लिए सीने पर गोलियां खायी थीं और वीरगति को प्राप्त हुए थे। जिनमें से मात्र 13 शवों की हीं पहचान हो पाई थी।
इस घटना की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में भी की थी । अब उस जगह बिहार सरकार के सौजन्य से शहीदों के याद में भव्य शहीद स्मारक बना। साथ ही शहीदों के आदमकद प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है। मुंगेर डीएम नवीन कुमार ने बताया की तारापुर की जनता की बहुत दिनो से मांग थी शहीदों की याद में यहां पार्क बनाया जाए। जिसको लेकर राज्य सरकार ने पहल की और एबिस स्मारक और पार्क समेत शहीदों के आदमकद प्रतिमाओं का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण करते हुए तारापुर की जनता को ये स्मार्क सुपुर्द करेगें। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। सभा स्थल पर बड़े बड़े स्क्रीन लगाए गए है , मौके पर कई मंत्री जिसमे पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के अलावा अशोक चौधरी और स्थानीय विधायक भी जनता के साथ मौजूद रहेगें ।
मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट