NEWSPR डेस्क। महिला शिक्षा और समाज सेवा को समर्पित भगिनी निवेदिता की जयंती पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि वह एक महान समाज सेवी थी। वह स्वामीविवेकानंद की शिष्य थी। समाज के उत्थान के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य समस्त देशवासियों को हमेशा याद रहेंगे।
बता दें कि जिन्होंने भगिनी निवेदिता न केवल भारत की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले देशभक्तों की खुलेआम मदद की बल्कि महिला शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह स्वामी विवेकानंद की शिष्या थीं। उनका परिचय स्वामी विवेकानंद के जरिए ही हुआ था। उनका जन्म 28 अक्टूबर, 1867 को हुआ था। वह एक विदेशी महिला थी जिनका नाम ‘मार्गरेट एलिजाबेथ नोबल’ था। एक अंग्रेजी-आइरिश सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, शिक्षक एवं स्वामी विवेकानन्द की शिष्या मार्गरेट ने 30 साल की उम्र में भारत को ही अपना घर बना लिया।
स्वामी विवेकानंद ने उनका नाम भगिनी निवेदिता दिया था। दीक्षा के समय उन्होंने मार्गरेट को नया नाम निवेदिता’ दिया। पूरे देश में वह इसी नाम से प्रसिद्ध हुई। वहीं दीक्षा पाने के बाद वह कोलकाता में बस गई जहां पर उन्होंने लड़कियों के लिए स्कूल शुरू किया। जिसके बाद लड़की महिलाओं के शिक्षा दीक्षा के लिए वह लड़ी और उनका उत्थान किया।
भगिनी निवेदिता, वह महिला थीं जिन्होंने पहचाना कि भारत की सबसे बड़ी ताकत इसकी एकता में है और उन्होंने हमेशा इस दिशा में काम किया। साल 1905 में भारत के लिए प्रतीक और ध्वज की कल्पना करने वाली व डिजाईन करने वाली पहली शख्स भी थीं। वहीं 13 अक्टूबर 1911 को सिलीगुड़ी में उनका निधन हो गया।