आज (3 दिसंबर) दिग्गज अभिनेता देव आनंद की पुण्यतिथि है। 2011 में इसी दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा था। अपनी पहचान बनाने से पहले देव आनंद ने 65 रुपये मासिक वेतन पर काम किया और फिर 85 रुपये पर एक लेखा फर्म में क्लर्क बने।उनका रुझान अभिनय की ओर तब हुआ जब उन्होंने अपने भाई चेतन आनंद के साथ इप्टा (इंडियन पीपल्स थिएटर एसोसिएशन) से जुड़कर थिएटर करना शुरू किया। अशोक कुमार के बड़े प्रशंसक रहे देव आनंद ने ‘अछूत कन्या’ और ‘किस्मत’ जैसी फिल्मों से प्रेरित होकर अभिनेता बनने का निर्णय लिया।
देव आनंद को उनका पहला मौका भी उनकी कोशिशों की वजह से मिला। उन्होंने एक बार प्रभात फिल्म स्टूडियो में घुसने की जिद की, जहां उनकी मुलाकात निर्माता बाबूराव पई से हुई। बाबूराव पई, देव आनंद की मुस्कान और उनकी आंखों से प्रभावित हुए और उन्हें अपनी फिल्म ‘हम एक हैं’ में मुख्य भूमिका दी। यही से शुरू हुआ धर्मदेव पिशोरीमल आनंद, यानी देव आनंद, का चमकदार फिल्मी सफर।देव आनंद ने अपने आकर्षक व्यक्तित्व और अभिनय शैली से भारतीय सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी।