NEWSPR डेस्क। राष्ट्रीय संत मुनिश्री तरुण सागर महाराज जी के स्मृति दिवस पर जेडीयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किया है। इस मौके पर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि महाराज जी अपने कड़वे प्रवचनों से उन्होंने समाज में आपसी प्रेम, विश्वास, शांति, समरसता और सद्भावना के बीज बोए। उनकी शिक्षाएं सत्य, न्याय और धर्म की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
राष्ट्रीय संत मुनिश्री तरुण सागर महाराज जी के 5 अमुल्य विचार
* जीवन में शांति पाने के लिए क्रोध पर काबू पाना सीख लो। जिसने जीवन से समझौता करना सीख लिया वह संत हो गया। वर्तमान में जीने के लिए सजग और सावधान रहने की आवश्यकता है।
* जिसके भाग्य में जो लिखा है, उसे वही मिलेगा और परेशान होने से कुछ अतिरिक्त प्राप्त नहीं होने वाला। सर्वोच्च सत्ता ईश्वर के ही हाथ में है। अत: यदि वह आपसे नाराज है तो दुनिया की कोई ताकत आपकी मदद नहीं कर सकती।
* युवतियां कभी भी घर से भागकर शादी मत करना। विधर्मी से शादी करने पर आपको वह सब भी करना पड़ सकता है जिसकी कल्पना आपने कभी न की होगी। तीन घंटे की फिल्म तथा वास्तविक जीवन में काफी अंतर होता है। अत: जागृत अवस्था में रहकर कोई भी कार्य करो।
* शादी करना है तो जागते हुए करो। परिजनों की मर्जी को दरकिनार कर घर से भागने की प्रवृत्ति आपके जीवन को अंधकारमय बना सकती है।
* यदि कोई आपको गालियां देता है और आप उसे स्वीकार नहीं करते तो वह गालियां उसी के पास रह जाती हैं। कोई आपको कुत्ता कहता है तो आप उसे भौंकें नहीं बल्कि मुस्कुराएं। गालियां देने वाला स्वयं ही शर्मिन्दा हो जाएगा। अन्यथा सचमुच कुत्ता बन जाओगे