NEWSPR डेस्क। आद्य क्रांतिवीर उमाजी नाईक जी की आज पुण्यतिथि है। इस मौके पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया और उन्हें याद किया।
क्रांतिवीर उमाजी नाईक का जन्म पुणे जिले के भिवंडी गांव में 7 सितंबर 1791 में हुआ। उमाजी का नाम उमाजी दादाजी खोमणे था और उनका बचपन पुरंदर किले परिसर में बिता। उन्होंने अपने माताजी से तलवार चलाना, घुड़सवारी, भाला चलाना, दांडपट्टा आदि दांवपेंच सीखें। शिवाजी महराज की कहानियां सुनकर उनके मन में क्रांति की भावना जागृत हुई। उमाजी नाइक शिवाजी महाराज को अपना आदर्श मानते थे। उन्होंने ठिठूजी नाईक, कृष्ण नाईक, खुशाबा रामोशी, और बाबू सोलसकर आदि क्रांतिकारियों के साथ जेजुरी खंडोबराय को भंडारा देकर अंग्रेज सरकार के खिलाफ विद्रोह की घोषणा की। अंग्रेजों को भगाने के लिए उमाजी नाईक प्रयत्न करने लगे। अंग्रेज सरकार उमाजी से परेशान हो गए। अंग्रेज सरकार ने 1818 में उन्हें जेल भेज दिया। जेल में उन्होंने पढ़ना-लिखना सिखा। जेल से निकलने के बाद क्रांतिकारियों से मिलकर उन्हें भगाने के लिए योजना बनाने लगे। 03 फरवरी 1832 को पुणे के खटकमल आली के मामलेदार केचरी में उमाजी नाईक को फांसी दी गई।