NEWSPR/DESK : पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ चल रहे विवाद के बीच कांग्रेस ने रविवार को नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश संगठन की कमान सौंप दी। नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के अलावा कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब में चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं। इस फैसले से हालांकि अमरिंदर सिंह नाखुश बताए जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने फिलहाल इस बदलाव को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पंजाब से लेकर दिल्ली तक सियासी तूफान उठाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू कितनी प्रॉपर्टी के मालिक हैं?
44 लाख रुपयों के मालिक
नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। 2017 में चुनाव आयोग को दिए उनके शपथ-पत्र के मुताबिक, नवजोत सिंह सिद्धू के पास करीब 45 करोड़ 90 लाख रुपए की संपत्ति है। सिद्धू को घड़ियों का काफी शौक है और उनके पास करीब 44 लाख रुपए की घड़ियां हैं। इसके अलावा उनकी संपत्ति में 51 लाख रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी है, जिसमें से 36 लाख रुपए के गहने उनकी पत्नी के नाम पर हैं।
चार लग्जरी गाड़ियों के मालिक हैं सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू के पास चार लग्जरी गाड़ियां हैं। इनमें दो लैंड क्रूजर, एक मिनी कूपर और एक फॉर्च्यूनर गाड़ी शामिल है। हालांकि उनकी पत्नी के नाम पर कोई गाड़ी नहीं है। इनके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी के पास 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमर्शियल बिल्डिंग्स हैं। नवजोत सिंह सिद्धू की 45 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति में से 10 करोड़ की सपंत्ति उनकी पत्नी के नाम पर है।
सिद्धू के परिवार में कौन कौन हैं?
क्रिकेट की पिच से सियासत के मैदान में उतरे नवजोत सिंह सिद्धू के परिवार में उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू, एक बेटी राबिया सिद्धू और एक बेटा करण सिद्धू है। उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू पेशे से डॉक्टर हैं और 2012 के पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर अमृतसर ईस्ट सीट से विधायक का चुनाव जीत चुकी हैं। वहीं, सिद्धू की बेटी राबिया एक मॉडल हैं और जल्द ही फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने वाली हैं।
जब पुलवामा पर सिद्धू के बयान से मचा बवाल
नवजोत सिंह सिद्धू अक्सर अपने ट्वीट और बयानों को लेकर विवादों में भी रहते हैं। ऐसा ही उस वक्त हुआ, जबजम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ और पूरे देश में गुस्से का माहौल था। हर तरफ से बस एक ही आवाज उठ रही थी कि पाकिस्तान से इस कायराना हमले का बदला लिया जाए। ऐसे माहौल में नवजोत सिंह सिद्धू के एक ट्वीट ने बवाल मचा दिया। दरअसल पुलवामा हमले के बाद सिद्धू ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि यह हमला एक कायरतापूर्ण कार्य है, लेकिन कुछ बुरे लोगों की वजह से पूरे देश को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। ऐसी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए और इस हमले के लिए जो भी दोषी हैं, उन्हें कड़ी सजा मिले। नवजोत सिंह सिद्धू के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें काफी ट्रोल किया गया l
अमरिंदर से क्यों खफा-खफा से थे सिद्धू
अपनी हाजिरजवाबी और वन-लाइनर्स के लिए मशहूर नवजोत सिंह सिद्धू लंबे समय से कुछ खफा चल रहे थे। हाल ही में न्यूज चैनलों को दिए कई इंटरव्यू में नवजोत सिंह सिद्धू ने इशारों-इशारों में इस बात को कहा कि कांग्रेस ने उनका इस्तेमाल किया है। सिद्धू ने कहा, ‘मैं कोई शोपीस नहीं हूं, जिसका इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए दिखावे के तौर पर किया जाए।’
मेरी बातों को सुना ही नहीं जाता’
बीते दिनों कैप्टन अमरिंदर पर बेहद हमलावर नजर आए सिद्धू ने कहा था, ‘पंजाब कैबिनेट में शामिल होने के बाद पहली बैठक से ही मैं भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं, लेकिन मेरी बातों को अनसुना किया गया। पंजाब में केवल दो परिवार सत्ता का नाजायद फायदा उठा रहे हैं। केवल मैं ही नहीं, पंजाब के कई विधायकों ने भी वही बातें उठाई, जिनपर मेरी नाराजगी है। जनता विधायकों को चुनती है, अधिकारियों को नहीं, फिर क्यों आप एक विधायक या मंत्री की ना सुनकर, अधिकारियों को आगे कर रहे हैं।’
सिद्धू-अमरिंदर की लड़ाई में राहुल कहां रहे?
इससे पहले खबर आई थी कि अमरिंदर सिंह के साथ विवाद सुलझाने के लिए बना कांग्रेस पैनल और राहुल गांधी, दोनों ही नवजोत सिंह सिद्धू के उस बयान से खुश नहीं थे, जिसमें उन्होंने कहा कि पंजाब में केवल दो परिवार सत्ता का फायदा उठा रहे हैं। कांग्रेस पैनल और शीर्ष नेतृत्व की राय थी कि सिद्धू को सार्वजनिक तौर पर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए
टेंशन में क्यों हैं कांग्रेस के नेता
आपको बता दें कि 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में महज आठ महीनों का ही वक्त बचा है। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन से पंजाब के सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं और लंबे समय तक भाजपा के साथ चुनाव लड़ता आ रहा शिरोमणि अकाली दल इस बार बीएसपी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में है। वहीं, दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने भी पंजाब चुनाव को लेकर पूरी ताकत झोंकी हुई है। ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चल रही खींचतान कांग्रेस के लिए एक टेंशन बन गई थी, जिस सुलझाना पार्टी के लिए बेहद जरूरी था।