पटना: स्कूल बसों के सुरक्षित परिचालन एवं सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू कराने के लिए परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। स्कूल बसों के परमिट का पावर जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी को डेलिगेट किया गया है। अब प्रमंडलीय जिलों से भिन्न जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी स्कूल बसों का परमिट जारी करेंगे। वहीं प्रमंडलीय जिलों में पूर्व की तरह क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार (आरटीए) के स्तर से परमिट जारी किया जाएगा।
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पहले स्कूल बसों का परमिट सिर्फ क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के स्तर से दिया जा रहा था। जनहित को देखते हुए स्कूल बस परमिट निर्गमन की शक्ति का डेलिगेशन जिला परिवहन पदाधिकारी को किया गया है। स्कूल बस का परमिट लेने के लिए अब सभी जिलों के बस मालिक/संचालकों को प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के आरटीए कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। अब अपने जिले के जिला परिवहन कार्यालय से ही स्कूल बस का परमिट ले सकेंगे।
परिवहन सचिव ने बताया कि सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले बसों का परमिट रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। जिन स्कूल बसों का परमिट नहीं होगा या सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरेंगे, वैसे बस मालिक/संचालकों पर भी कार्रवाई की जाएगी। समय-समय पर स्कूल बसों की परमिट और अन्य सुरक्षा मानकों की जांच डीटीओ और एमवीआई के द्वारा की जाएगी।
डीटीओ को स्कूल बसों के परमिट का पावर मिलने से बस मालिकों को विशेष रुप से फायदा होगा। इससे न सिर्फ बस मालिकों को समय की बचत होगी, बल्कि परमिट के लिए जिला से कमिश्नरी आने की भी आवश्यकता नहीं होगी। आसानी से जिला परिवहन कार्यालय में ही परमिट का आवेदन दे सकेंगे और संबंधित डीटीओ द्वारा ही परमिट जारी कर दिया जाएगा।
पूर्व में भी बिहार मोटरयान (संशोधन) नियमावली, 2019 द्वारा बिहार मोटर वाहन नियमावली, 1992 के नियम- 68 के उपनियम (1) एवं (2) तथा नियम-69 के उपनियम (1) एवं (2) में आवश्यक संशोधन किया गया था। इसके तहत 23 सीट तक के व्यवसायिक छोटे वाहनों का गैर प्रमंडलीय जिलों में डीटीओ को परमिट का पावर डेलिगेट किया जा चुका है।