NEWSPR डेस्क। बिहार की नई परिवहन मंत्री शीला मंडल नई मुश्किल में पड़ गई हैं। उनके बाबू वीर कुंवर सिंह को लेकर दिए गए विवादित बयान से राजपूत समाज और राजपूती संगठन करणी सेना काफी खफा है. दरअसल, परिवहन मंत्री शीला देवी ने बीते दिनों सीतामढ़ी में महान योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी.
इधर, उनकी टिप्पणी का वीडियो वायरल होने के बाद राजपूत समाज और करणी सेना के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. करनी सेना के नाराज सदस्यों ने विभिन्न माध्यमों से मंत्री के बयान पर आपत्ति जताना शुरू कर दिया. यहां तक कि शनिवार को उन्होंने शीला देवी का पुतला दहन भी किया.
क्या है मामला:-
दरअसल, बीते 26 नवंबर को परिवहन मंत्री शीला देवी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के सिलसिले में विभिन्न जिलों से होते हुए सीतामढ़ी के बाजपट्टी भी पहुंची थीं. वहां शहीद रामफल मंडल के स्मारक पर उन्होंने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसी दौरान मीडिया से भी बात की. मीडिया कर्मियों ने नीतीश सरकार के 15 वर्षों के शासन में भी उक्त शहीद की उपेक्षा का सवाल पूछा.
इस पर मंत्री ने कहा था कि कल तक शहीद रामफल मंडल को बहुत कम लोग जानते थे. उनकी कुर्बानी से आज भी लोग अनजान हैं. नीतीश सरकार के चलते उक्त शहीद के बारे में लोग जानने लगे हैं. इस दौरान यह भी कहा कि राजपूतों के बाबू वीर कुंवर सिंह का एक हाथ कट गया, तो उनकी इतनी वाहवाही हुई थी.
किताबों में बाबू वीर कुंवर सिंह के बारे में उल्लेख कर बच्चों को बताया जाता है. वहीं जो शहीद हो गए और जिन्होंने देश व समाज के लिए अपनी जान दे दी, उनके लिए जितना किया जाना चाहिए था, वह नहीं हुआ. मंत्री के इसी बयान से राजपूतों का संगठन करणी सेना काफी खफा है.
करणी सेना द्वारा विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद मंत्री शीला देवी ने खेद जताया है. उन्होंने कहा है कि उनकी मंशा किसी समाज की भावना को ठेंस पहुंचाने की नहीं थी. अगर उनकी बातों से किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो वह इसके लिए उन्हें खेद है. हालांकि, मंत्री के खेद जताने के बाद भी करणी सेना का आक्रोश शांत नहीं हुआ है.
शिवहर में करणी सेना के सदस्यों ने मंत्री शीला मंडल का पुतला दहन करने के दौरान सीएम नीतीश कुमार से शीला को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की. मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही.