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कॉलेज प्रशासन का तुगलकी फरमान, शिक्षकों के अनुरोध पर महाविद्यालय को किया बंद, कॉलेज गेट से बैरंग लौटी छात्राएं

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NEWSPR डेस्क। खबर बिहार के रोहतास जिले से है. जहां बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का एक जीता जागता नमूना सामने आया है। दरअसल मामला जिला मुख्यालय सासाराम स्थित रोहतास महिला कॉलेज का है। जिसे बिना किसी आधिकारिक आदेश के हीं ताला जड़ बंद कर दिया गया है। बता दें कि अभी इंटरमीडिएट परीक्षा फॉर्म के लिए लगातार छात्राओं का कॉलेज परिसर में जमावड़ा लग रहा है ऐसे में बिना किसी आधिकारिक आदेश के कॉलेज के बंद होने से सैकड़ों छात्राएं महाविद्यालय के गेट से ही बैरंग घर लौट रही हैं।

हालांकि कॉलेज के मुख्य द्वार पर एक आवश्यक सूचना भी लगाई गई है। जिस पर लिखा गया है कि शिक्षकों के विशेष अनुरोध पर 1 दिन के लिए महाविद्यालय बंद रहेगा। जिससे सवाल उठना लाजमी है कि क्या वाकई में किसी शिक्षण संस्थान को किसी व्यक्ति विशेष के अनुरोध पर बंद किया जा सकता है। वहीं इस मामले को लेकर जब मुख्य द्वार पर बैठे महाविद्यालय के गार्ड से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के प्राचार्य के घर में शादी है जिसके कारण कॉलेज बंद है। गौरतलब हो कि महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण पर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लगातार ढोल पीटा जा रहा है.

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लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। व्यक्तिगत कारणों से कॉलेज को बंद कर छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस मामले को लेकर जब छात्राओं से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह परीक्षा फार्म भरने के लिए कॉलेज आई हुई थी लेकिन कॉलेज बंद होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

वहीं पूरे मामले पर जन अधिकार मोर्चा के संयोजक शंकर सिंह कुशवाहा ने कॉलेज प्रशासन के इस कदम की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान को इस तरह से बंद किया जाना शिक्षा के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित करता है। जबकि महाविद्यालय के प्राचार्य सुधीर कुमार सिंह से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने घर में शादी होने की बात बताई।

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