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कितना जानते हैं आप यूनिफार्म सिविल कोड के बारे में ? क्या इससे किसी की धार्मिक आजादी को खतरा है ?

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आपने अक्सर सुना होगा की देश में आये दिन यूनिफार्म सिविल कोड की बात होते रहती है | लेकिन क्या कभी अपने सोचा है की आखिर ये यूनिफार्म सिविल कोड क्या होता है | इसका समर्थन या विरोध क्यों होता है | क्या इससे किसी जाती धर्म को कोई नुकसान है ? क्या इसमें किसी विशेष का फायदा है ?? अगर नहीं तो चलिए आज आपको हम बताते हैं की आखिर क्या है ये यूनिफार्म सिविल कोड |

यूनिफॉर्म सिविल कोड आखिर है क्या?

यूनिफार्म सिविल कोड का मतलब है देश में हर नागरिक के लिए देश में एक सामान क़ानून का होना l देश में फिलहाल अलग-अलग मजहबो के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ मौजूद है l यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हर मजहब के लिए एक जैसा कानून आ जाएगा l यानि मुस्लिमों को तीन शादी करने और पत्नी को महज तीन बार तलाक देने से रिश्ता खत्म कर देने वाली परंपरा खत्म हो जाएगी l
इतना ही नहीं महिलाओं को अपने पिता के संपत्ति पर अधिकार जैसे मामलों में भी अधिकार देता है l
हालांकि इस कोड के विरोधियों का कहना है कि सरकार सभी धर्मों पर हिंदू कानून को लागू करना चाहती है l समान नागरिक संहिता का मतलब हर धर्म के पर्सनल लॉ में एकरूपता लाना है l इसके तहत हर धर्म के कानूनों में सुधार और एकरूपता लाने पर काम होगा l यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ एक निष्पक्ष कानून है l जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है l

क्यों है जरूरी ?

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हम सब जानते हैं कि देश में आए दिन कई तरह के केस वाद विवाद न्यायपालिका में पेंडिंग रह जाते हैं ऐसे में विभिन्न धर्मों के विभिन्न कानून से न्यायपालिका पर बोझ पड़ता है l कॉमन सिविल कोड आ जाने से इस मुश्किल से निजात मिलेगी और न्यायालयों में वर्षों से लंबित मामले जल्द निपटा दिए जाएंगे l
सभी के लिए कानून में समानता से एकता को बढ़ावा मिलेगा और इस में कोई दो राय नहीं कि जहां हर नागरिक एक समान हो उस देश का विकास तेजी से होता है l हर भारतीय पर एक समान कानून लागू होने से राजनीति में भी बदलाव आएगा या यूं कह लें कि वोट बैंक और ध्रुवीकरण की राजनीति पर लगाम लगेगी l

क्या खत्म हो जाएगी धार्मिक आजादी

ऐसा नहीं है कि समान नागरिक संहिता लागू होने से लोगों को अपनी धार्मिक मान्यताओं को मानने का अधिकार छिन जाएगा l संविधान के अनुच्छेद 44 में यूनिफॉर्म सिविल कोड का पक्ष लिया गया है l लेकिन यह डायरेक्टिव प्रिंसिपल है l क़ानून लागू करना या नहीं करना है ये पूरी तरीके से सरकार पर निर्भर करता है l अनुच्छेद 25 ऑग 29 कहती है कि किसी भी वर्ग को अपनी धार्मिक मान्यताओं और रीति-रिवाजों को मारने की पूरी आजादी है यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाने से हर धर्म के लोगों को उसे समान कानून के दायरे में लाया जाएगा जिसके तहत शादी तलाक संपत्ति और गोद लेने जैसे मामले शामिल होंगे l यूनिफॉर्म सिविल कोड लोगों को कानूनी आधार पर मजबूत बनाएगी l

हमें उम्मीद है की हमने आपको यूनिफार्म सिविल कोड के बारे में सटीक जानकारी दी है l

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