NEWSPR डेस्क। पटना रक्षा बंधन पर भद्रा का साया है। शुभ मुहूर्त को लेकर बड़ा कंफ्यूजन है। रक्षा बंधन भद्रा रहित मुहूर्त में ही फलदायक होती है। भद्रा में बांधी गई राखी भाई के लिए अनिष्टकारी होती है। इस बार राखी का पर्व मुहूर्त को लेकर दो दिनों के कंफ्यूजन में है। कोई 11 तो कोई 12 अगस्त को शुभ मुहूर्त का दावा कर रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज और वीडियो से लोग भ्रमित हो रहे हैं। आइए जानते हैं कब है राखी का शुभ संयोग जिसमें रक्षा बांधने से दूर होगा भाई के जीवन का संकट।
रक्षा बंधन का पर्व मुहूर्त और नक्षत्र के हिसाब से ही मनाया जाता है। रक्षा बंधन और होलिका दहन को लेकर निर्णय सिंधु में साफ वर्णित है कि इस पर भ्रदा नहीं होना चाहिए। भद्रा में होलिका दहन और रक्षा बंधन को पूरी तरह से वर्जित किया गया है। भद्रा में ऐसा करने से क्षति होती है। ज्योतिष विद्वान डॉ श्रीपति त्रिपाठी का कहना है कि राखी परम्परा सदियों से चलती चली आ रही है। पूर्व में ब्राह्मण द्वारा इसे बाधा जाता था, लेकिन बाद में बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षा बांधने की प्रथा आई। रक्षा बंधन को लेकर श्लोक में साफ कहा गया है कि अगर भद्रा में कोई ब्राह्मण राजा को राखी बांधता है तो राजा की मृत्यु तक हो सकती है। ऐसे अनिष्ट से बचने को लेकर बहनों को भद्रा का विशेष ध्यान देना होगा। भद्रा रहित शुभ मुहूर्त में राखी बांधकर बहनों को भाई के दीर्घायु की कामना करनी चाहिए। इस बार भद्रा के कारण ही राखी पर बड़ा भ्रम है।
डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने काशी विश्व पंचांग से की गई गणना के आधार पर बताया कि 11 अगस्त काे सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर पूर्णिमा की शुरुआत हो रही है, यह दूसरे दिन यानि 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। पंचाग की गणना के आधार पर यह स्पष्ठ है कि राखी 12 अगस्त ही मनाई जाएगी। इसके पीछे ज्योतिष विद्वानों का तर्क है कि 11 अगस्त की रात में 8 बजकर 34 मिनट तक भ्द्रा काल है। भद्रा काल की समाप्ति रात में हो रही है, इस कारण से रात में रक्षा बंधन नहीं मनाया जाएगा। रक्षा बंधन में उदया तिथि का ही विशेष महत्व है। ऐसे में उदया तिथि 12 अगस्त को ही पड़ रही है। ज्योतिष विद्वान का कहना है कि प्रात: कालीन का जो समय मिल रहा है, सुबह सूर्योदय से लेकर सुबह 7 बजकर 25 मिनट के बाद पूर्णिमा समाप्त हो रही है। इस बीच में रक्षा बांधने का मुहूर्त काफी शुभ और सौभाग्य दायक है। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि 12 अगस्त से पंचक भी शुरु हो रहा है, ऐसे में 12 अगस्त को सूर्योदय से लेकर सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक ही रक्षा बंधन किया जाना शुभ एवं विशेष फलदायक होगा।
सूर्योदय सुबह 04 बजकर 24 मिनट
उदया तिथि में रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 07 अजकर 25 मिनट
11 अगस्त गुरूवार को पूर्णिमा 9 बजकर 35 मिनट प्रारंभ
11 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 35 मिनट से रात 8 बजकर 25 मिनट तक
रात 8 बजकर 25 मिनट से रक्षबंधन का त्योहार मनाया जा सकता है लेकिन उदया तिथि का विशेष महत्व है
12 अगस्त शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक ही इस पवित्र पावन पर्व रक्षबंधन पर्व का शुभ योग है