NEWSPR डेस्क। दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी नकली स्टाम्प और नोटरी मामले में पुलिस ने अधिवक्ता अरुण कुमार प्रसाद को गिरफ्तार नहीं कर पायी है। अब सवाल यह उठता है कि ये कैसी लापरवाही है? पुलिस के नाक के नीचे जाली स्टाम्प का कारोबार फल फूल रहा था और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी.
सबसे बड़ा सवाल है कि क्या पुलिस ने अभी तक अधिवक्ता अरुण कुमार प्रसाद को क्यों गिरफ्तार नहीं की? कही अधिवक्ता अरुण कुमार प्रसाद से पुलिस डर गई? या फिर मामला सिमट गया? आपको बता दें कि बीते 17.03.2021 को पटना सिविल कोर्ट के परिसर में नकली स्टाम्प को लेकर छापेमारी की गई थी. जिसमे पटना एडीएम अरुण कुमार झा को गुप्त सूचना मिली कि पटना सिविल कोर्ट के परिसर में नोटरी के अधिवक्ता अरुण कुमार प्रसाद के कार्यालय में जाली काम हो रहा है.
वहीँ सूचना के आलोक में जब पटना एडीएम अरुण कुमार झा, संजीव कुमार, कोषागार पदाधिकारी सहित कई अधिकारी द्वारा बताये गए जगह पर छापेमारी की गई तो उसमे भारी मात्रा में जाली स्टाम्प टिकट सहित जाली एफिडेविट बरामद हुआ था. वहीँ पकड़े गए नोटरी के अधिवक्ता अरुण कुमार प्रसाद ने पहले तो अपने वकील होने के नाम पर धौस ज़माने लगे लेकिन अधिकारी के सामने उनकी एक न चली.
जब्त किये गए स्टाम्प की जाँच की गई तो सभी जाली स्टाम्प निकला। वहीँ जब इस बारे में पटना एडीएम अरुण कुमार झा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये गंभीर मामला है और राजस्व को चुना लगाया जा रहा है. इस मामले में पीरबहोर थाना में लिखित शिकायत की गई थी. अब देखना दिलचस्व होगा की NEWSPR पर खबर चलने से पुलिस क्या एक्शन लेती है.