लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से क्या-क्या कहा, पढ़ें पूरा भाषण

Patna Desk

NEWSPR डेस्क।  लाल किले के प्राचीर से आज 8 वीं बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। लाल किले से संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर कहा कि ऐसे भारत का निर्माण हो जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें-

लाल किले से संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर कहा कि ताली बजाकर पदकवीरों का सम्मान हो। इन खिलाड़ियों ने विशेष तौर पर दिल ही नहीं उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया। जीवन को आगे बढ़ाने में जो भी प्रभावी माध्यम हैं उसमें एक खेल भी है। जीवन में संपूर्णता के लिए खेलकूद होना बहुत आवश्यक है। अब देश में फिटनेस और खेल को लेकर एक जागरुकता आई है। इस बार ओलिंपिक में भी हमने देखा है। ये बदलाव हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट हैं।

– प्रगति पथ पर बढ़ रहे हमारे देश के सामने, पूरी मानवजाति के सामने कोरोना का यह कालखंड बड़ी चुनौती के रूप में आया है। भारतवासियों ने संयम और धैर्य के साथ इस लड़ाई को लड़ा है। आज हम गौरव से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम भारत में चल रहा है। हम 54 करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन लगा चुके हैं। हमारे वैज्ञानिकों और उद्यमियों की ताकत का ही नतीजा है कि आ भारत को किसी और देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अभी से जुट जाना है। हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है। यही समय है, सही समय है। बदलते हुए युग के अनुकूल हमें भी अपनेआप को ढालना होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास इसी भाव के साथ हम सब जुट चुके हैं।

– आज दुनिया, भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके भारत ने देश के दुश्मनों को नए भारत के सामर्थ्य का संदेश भी दे दिया है। ये बताता है कि भारत बदल रहा है। भारत कठिन से कठिन फैसले भी ले सकता है और कड़े से कड़े फैसले लेने में भी भारत झिझकता नहीं है, रुकता नहीं है।

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