NEWSPR डेस्क। पटना बिहार के गृह विभाग ने बुधवार को सोशल मीडिया पर अपने वरिष्ठ के खिलाफ शिकायत करने पर आईजी (होमगार्ड) विकास वैभव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। गृह विभाग ने सार्वजनिक डोमेन में विभाग के मामले को पोस्ट करने पर वैभव से सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। वैभव ने सोशल मीडिया पर होमगार्ड डीजी शोभा अहोतकर के खिलाफ एक शिकायत अपलोड की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह हर दिन उन्हें गाली देती हैं। वैभव ने 13 फरवरी को गृह विभाग को पत्र भेजकर प्राधिकरण से अनुरोध किया था कि उनका तत्काल तबादला राज्य के किसी अलग विभाग में किया जाए।
वैभव ने दावा किया कि उन्हें शोभा अहोतकर की तरफ से जान से मारने की धमकी मिल रही थी और इसीलिए उन्होंने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तबादला करने की मांग की। उन्होंने दो हफ्ते की छुट्टी भी मांगी थी। वैभव ने कहा, मैं शोभा अहोतकर के अधीन और एक दिन भी काम नहीं कर सकता। मुझे उनसे जान को खतरा है। मुझे संदेह है कि अगर मैं एक और दिन काम करता हूं तो ड्यूटी के दौरान कुछ अप्रिय घटना हो सकती है। इससे पूर्व वैभव को शोभा अहोतकर की ओर से नोटिस जारी किया गया था। अब वैभव को गृह विभाग ने आधिकारिक बैठकों का विवरण सार्वजनिक करने के लिए नोटिस जारी किया है।
जानकार सूत्रों ने कहा कि वैभव को यह बताने के लिए कहा गया है कि आधिकारिक बैठकों के विवरण को सार्वजनिक करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए? इसे घोर अनुशासनहीनता माना जाता है। इस मसले पर दोनों पक्षों से सफाई जानने की कोशिश की गई। टीओआई को दोनों जगहों से फोन पर जवाब नहीं मिला। इससे पहले शोभा अहोतकर की ओर से विकास वैभव पर निराधार आरोप लगाने का नोटिस जारी किया गया था। अहोतकर ने वैभव पर सोशल मीडिया के माध्यम से निराधार आरोप लगाने और अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम, 1968 और आधिकारिक गुप्त अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए भी नोटिस भेजा था।
अपने ट्वीट में वैभव ने ये भी कहा था कि उनके पास डीजी की दी गई गालियों की ऑडियो रिकॉर्डिंग है। हालांकि बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक यह सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था। 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी अपने ट्वीट के बाद मुश्किल में पड़ गए, उन्होंने आरोप लगाया कि वह नियमित रूप से अपने बॉस से गालियां सुनते रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से अपनी शिकायतों को हवा देने के लिए वैभव पर नाराजगी जाहिर की थी। सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के उनके कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि ट्वीट करना (समस्याएं) अधिकारियों का काम नहीं है। ये बहुत ही गंदा काम है। अगर किसी को कोई परेशानी है तो वह विभाग या वरिष्ठों को जानकारी दे। उन्हें इस मामले को व्यक्तिगत रूप से बताना चाहिए और इसे सार्वजनिक रूप से घोषित नहीं करना चाहिए।
हालांकि, राज्य भर के लोग वैभव के समर्थन में सामने आए हैं और इसे ‘बिहारी अस्मिता’ (बिहार गौरव) से जोड़कर विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन किया है। अब तक पटना, सिवान, दरभंगा, नालंदा और बेतिया (पश्चिम चंपारण) जैसी जगहों से विरोध प्रदर्शनों की सूचना मिली है। विरोध प्रदर्शन के दौरान, लोगों ने अपशब्दों को बहुत गंभीर अपराध बताया है और अहोतकर को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गालियां किसी एक आईपीएस अधिकारी को नहीं बल्कि हर बिहारी को दी गईं और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री बिहारी अस्मिता का समर्थन करते हैं, तो उन्हें वैभव को नहीं, बल्कि “गलत बोलने वाले” अधिकारियों को दंडित करना चाहिए।
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…