NEWSPR DESK- राजधानी पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना अंतर्गत कुख्यात अपराधी सिपुल और रणधीर के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी दोनों एक दूसरे के लोगों पर जानलेवा हमला कर चुके हैं कभी दिनदहाड़े तो कभी शरेशाम खूनी वारदात को अंजाम देने से नहीं कतराते हैं दोनों गुट के लोगों.
आपको बता दें कि इन दोनों के ऊपर पूरी तरह से शिकंजा कसने में बुद्धा कोलोनी थाना और पटना पुलिस की टीम असफल रही है यही वजह है कि इसी साल होली के दिन शाम सिपुल ने अपने साथियों के साथ मिलकर दूसरे इलाके में रणधीर के भाई विकास की गोली मार हत्या कर दी थी.
इस मामले में FIR किए जाने और ठोस सबूत होने के बाद भी बुद्धा कॉलोनी थाने की पुलिस 2 महीने के बाद भी सिपुल को पकड़ नहीं पाए पुलिस के असफलता का रिजल्ट या हुआ कि 20 मई की सुबह में भाई की मौत का बदला लेने के लिए रणधीर ने उनके खास बताए जाने वाले छोटू नाम के एक व्यक्ति पर गोली चला दी हालांकि उसने अपनी जान भागकर बचा ली और थाना पहुंच गया इस कांड के बाद भी रणधीर फरार हो गया.
जेल से आने के बाद भी सिपुल करता रहा हत्या 2017:
आपको बता दें कि कुख्यात अपराधी सिपुल पटना जिले के ही हाथीदह का रहने वाला है लेकिन यह काम दूजरा के शंकर को के लिए करता है वैसे तो इसके ऊपर एक दर्जन से अधिक अपराधिक मामले पटना और आरा में दर्ज है लेकिन हत्या की सात बारदाताओ को यह अकेले पटना के अंदर ही अंजाम दे चुका है बात कर ली जाए साल 2012 में इसने दूजरा में ही राजेश कुमार की हत्या कर दी थी साल 2013 में इसका नाम राजापुर के पास बिरजू को की हत्या में आया था 2013 में ही सिपुल बोरिंग रोड में विनय सिंह की हत्या की थी इसी साल इसने रणधीर पर भी गोली चलाई थी वह बच गया 2013 में पटना पुलिस ने शिवपुर को गिरफ्तार किया था.
इस पर सिटी SP सेंट्रल विनय तिवारी ने कहा कि सिपुल को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी। विकास की हत्या के बाद फरार रहने पर उसकी संपत्ति को कुर्क किया जा चुका है। हालांकि, अभी वो ट्रेसलेस है। फिर भी जल्द से जल्द उसे पकड़ा जाएगा। जहां तक दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई की बात है तो विकास की हत्या के बाद भी रंधीर ने वजह स्पष्ट नहीं की थी.