कौन सुनेगा बिहार में बेटियों की पुकार, जहां सरकार में ही बैठे है गुनाहगार

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। सूबे में विधानसभा चुनाव चरम पर है, और ऐसे में तमाम राजनीतिज्ञ एक दूसरे पर हमलावर है, बता दें कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने मीडिया को संबोधित करते हुए महिला सशक्तिकरण और आधी शक्ति की बात किया।

अलका लांबा जी अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता है, आज उन्होंने मूल रूप से महिला की सुरक्षा, महिला शसक्तीकरण और महिला की वोट पर बात की उन्होंने कहा कि देश मे बिहार ऐसा पहला राज्य जहां पुरुषों से ज्यादा महिला वोट करती है, महिला के वोट के ही कारण कोई सरकार जीतते आयी है, महिला मतदान करती है और सबसे बड़ा महिलाओ का हाथ है सरकार बनाने में मैं उनका धन्यवाद करती हूं, उन्होंने कहा महिला जिसके साथ बिहार में बने उसकी सरकार।

लेकिन अब नही चलेगी बिहार में किसी की मनमानी, उन्होंने बिना नाम लिए नीतीश पर तंज कसते कहा बिहार में शराब बन्द है फिर भी शराब धरल्ले से बेच जा रहा है। सरकार ने शराब बंद तो कर दिया लेकिन पीछे दरवाजे से शराब बेचा जा रहा है। आखिर सरकार बताए कि शराब बन्द है तो बिक कैसे रहा है। अब सरकार बदलना है।

वहीं उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा बलात्कारियों के साथ खड़े रहकर समर्थन किया है। ऐसे मे मैं कहना चाहती हूँ उनको अपना कीमती वोट न दे भाजपा ने हाथरस घटना में एक दलित के बेटी के साथ अन्याय किया। आखिर क्या मजबूरी थी रात के 2:30 बजे परिवार से दूर शव को जला दिया गया। क्यों उस मामले को दबाया गया ?

साक्षी जेल में आरोपित से मिलने जाती है लेकिन जनता के दवाव के कारण सरकार झुकती है और फिर उम्रकैद का सजा मिलता है।हमेशा से सरकार आरोपी को बचाते आयी है। राहुल जी के के नेतृत्व में अब बिहार को एक अलग रूप देना है। खासकर महिलाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था करना है। जिन्होंने महिलाओ के साथ छल किया अब उन्हें सबक सिखाना है। डबल इंजन की सरकार को बर्खाश्त करना है।

आपको बता दें कि किसी भी चुनाव का समय आता है तो राजनेताओं द्वारा वादों और उम्मीदों कि बौछार हो जाती है।ऐसा लगता है कि मानो अब इस बार वोट जिसे दिए वो सारी समस्याओं का समाधान कर ही देगी।लेकिन ऐसा होता नहीं है, जैसे ही सत्ता में आते हैं तो नेता जी अपने ही द्वारा किये गए वादों को भी याद नही रख पाते हैं।

सबसे बड़ा सवाल NEWSPR उठा रही है, आखिर कबतक चुनाव के घोषणा पत्र में एक ही घिस पीटा मुद्दा बनाकर राजनीति करते रहेंगे। बेरोजगारी, भ्रटाचार, आरक्षण, विकास आदि। बिहार की जनता भी अब इस सबों से ऊब चुकी है।

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