NEWSPR DESK- राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने शनिवार को बताया कि ईवीएम से जुड़े विवाद को लेकर अबतक कोई नई पहल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आयोग ने इस संबंध में पटना उच्च न्यायालय के समक्ष न्याय निर्णय के लिए याचिका दाखिल की है। न्यायालय के निर्देश का हम पालन करेंगे। अगली सुनवाई छह अप्रैल को पटना उच्च न्यायालय में फिर होगी।
सूत्रों के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद अबतक कोई संवाद नहीं हुआ है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार राज्य में ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार से ईवीएम की खरीद की राशि भी प्राप्त हो चुकी है। आयोग ने ईवीएम की खरीद के लिए ईवीएम निर्माता कंपनी को प्रस्ताव भी दे दिया है किंतु भारत निर्वाचन आयोग से ईवीएम की आपूर्ति को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने से ईवीएम की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
मल्टीपोस्ट ईवीएम की होनी है आपूर्ति
आयोग के अनुसार मल्टीपोस्ट ईवीएम की आपूर्ति की जानी है। इसमें एक कंट्रोल यूनिट से छह बैलेट यूनिट एक साथ जुड़ेंगे। मल्टीपोस्ट ईवीएम के जरिए मतदाता एक साथ त्रिस्तरीय पंचायत जन प्रतिनिधियों में वार्ड सदस्य, मुखिया, पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों ( सभी छह पद ) के लिए एक साथ वोट कर सकेंगे। वहीं मल्टीपोस्ट ईवीएम के जरिए मतदान कराए जाने के बाद मतगणना के कार्य में भी काफी सहूलियत मिलेगी।
उत्तरप्रदेश में हो चुकी है पंचायत आम चुनाव की घोषणा
पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में पंचायत आम चुनाव की घोषणा की जा चुकी है। वहां के सभी 75 जिलों में चार चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। मतदान पहले चरण में 15 अप्रैल को, दूसरे चरण में 19, तीसरे चरण में 26 और चौथे चरण में 29 अप्रैल को होगा। सभी चरणों में सुबह 7 बजे से शाम छह बजे तक वोटिंग होगी। मतगणना दो मई को निर्धारित की गई है।