NEWSPR डेस्क। बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र के पहले दिन शोक प्रस्ताव लाया गया, जिसमें दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई। शोक प्रस्ताव के बाद विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र शुरू होने से पहले सीएम नीतीश कुमार और उनके मंत्री विधानमंडल पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति के कार्यालय में गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया।
विपक्ष के पास ज्वलंत मुद्दे
आपको बता दें यह सत्र 5 तीन दिसंबर तक चलेगा। पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का हंगामेदार होना तय माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला सदन में उठेगा। शादी समारोहों में पुलिस द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी की कार्रवाई को लेकर भी विपक्ष आक्रोशित है। यह भी मामला सदन में उठ सकता है, क्योंकि जिस तरह से पुलिस कुछ दिनों पहले दुल्हन के कमरे में घुसी थी उसको लेकर राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत कई नेताओं ने सवाल उठाया था। वहीं तेवर दिखाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे सही बताया था। विपक्ष जहरीली शराब पीने से करीब 50 लोगों की मौत और बेरोजगारी का मुद्दा उठाने की तैयारी कर रहा है तो सत्ता पक्ष अपनी अलग रणनीति बना रहा है। बढ़ी महंगाई को लेकर भी सदन में हंगामा हो सकता है। विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार, नीति आयोग की रिपोर्ट और टेंडर घोटाले समेत लॉ एंड ऑर्डर समेत कई अहम मुद्दे हैं, जिनको लेकर विपक्ष सरकार पर दबाव बना सकता है। किसानों के मुद्दे को लेकर विपक्ष की वामपंथी पार्टियां भी तैयारी कर रही है। कुल मिलाकर यह 5 दिन काफी हंगामेदार रहने वाला है।
दोपहर से चलेगा बैठकों का दौर
CM नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को दोपहर साढ़े 12 बजे NDA विधानमंडल दल की बैठक होगी। सरकार सदन चलाने को लेकर विधायकों के साथ और विधान पार्षदों के साथ रणनीति तैयार करेगी। वहीं, RJD विधान मंडल की बैठक भी सोमवार शाम चार बजे पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर होनी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अध्यक्षता करेंगे। उधर, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजित शर्मा के आवास पर सोमवार शाम पार्टी की बैठक बुलाई गई है।
शीतकालीन सत्र में किए जाएंगे ये कार्य
शीतकालीन सत्र के पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद कल तक के लिये कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
सत्र में वित्तीय वर्ष 2021-22 के दूसरे अनुपूरक व्यय का ब्योरा भी सदन के पटल पर रखा जाएगा।
30 नवंबर से एक दिसंबर के बीच राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य होंगे।
दो दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2021-22 के द्वितीय अनुपूरक व्यय के ब्यौरे पर पर बहस होगी।
तीन दिसंबर को गैर सरकारी सदस्यों के कार्य किए जाएंगे।
विपक्ष ने लगाया छोटा सत्र का आरोप
वहीं, विपक्ष इसे काफी छोटा सत्र बता रहा है और सरकार पर आवाज दबाने का आरोप लगा रहा है। विपक्ष के नेता यह लगातार कह रहे हैं कि सरकार विपक्ष के सवालों से भाग रही है। इसलिए सत्र को छोटा रखा गया है।