NEWSPR डेस्क। आज ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ के अवसर पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने हार्दिक शुभकामनाएं दी है। इसके साथ ही सभी लोगों से पर्यावरण की ओर अपनी जिम्मेदारी निभाने, पृथ्वी को संरक्षित करने और आने वाले कल को स्वस्थ बनाने की अपील की। बता दें कि 22 अप्रैल को हर साल ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ मनाया जाता है।
यह दिन आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की वर्षगांठ का प्रतीक है, जो 1970 में शुरू हुआ था। विश्व पृथ्वी दिवस मानव जाति के लिए धरती और उसकी सुरक्षा के लिए मनाया जताया है। इसके अलावा आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए भी इस दिवस को मनाया जाता है। 22 अप्रैल, 2022 को पृथ्वी दिवस के 52 वर्ष पूरे होने वाले हैं।
आप सभी के मन में यह आता होगा कि हम सभी विश्व धरती दिवस क्यों मानते हैं, इस दिन का भी अपना एक रोचक इतिहास है। तो आइये जानते हैं धरती दिवस 2022 की थीम और इतिहास की मजेदार तथ्यों के बारे में। पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन और महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय दिवस है जो हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए दुनिया भर में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
पहला पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल 1970 को मनाया गया था और तब से यह हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस समारोह में हमारी पृथ्वी की रक्षा के लिए Earthday.org द्वारा विश्व स्तर पर समन्वित कार्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला शामिल है। दुनिया भर में 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस 2022 मनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष पृथ्वी दिवस की थीम ‘इन्वेस्ट इन अवर प्लैनेट’ है, जो हमें हरित समृद्धि से समृद्ध जीवन बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह थीम संदेश देती है कि हमारे स्वास्थ्य, हमारे परिवारों, हमारी आजीविका और हमारी धरती को एक साथ संरक्षित करने का समय आ गया है।
पहली बार 22 अप्रैल 1970 को 20 मिलियन अमेरिकी की आबादी का 10% पर्यावरणीय अज्ञानता का विरोध करने और धरती को बचाने की मांग रखने लगे। जिसके बाद यहां के लोग सड़कों पर उतर आये। इसमें कॉलेज परिसरों और सैकड़ों शहर भी शामिल थे। इस दिन के बाद से हर साल 22 अप्रैल को विश्व धरती दिवस मनाये जाने लगा।
साल 2016 में, संयुक्त राष्ट्र ने पृथ्वी दिवस को उस दिन के रूप में चुना जब जलवायु परिवर्तन पर ऐतिहासिक पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। ऐसे में अब स्वच्छ पर्यावरण के लिए लड़ाई तेजी से बढ़ती जा रही है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन का कहर हर दिन अधिक से अधिक स्पष्ट होता जा रहा है। जैसे-जैसे हमारे जलवायु संकट के बारे में जागरूकता बढ़ती है, वैसे-वैसे नागरिक समाज का भी जुड़ाव होता है।