NEWSPR डेस्क। बिहार में पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को पटना के डीएम और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ बिहार राज्य वित्तीय निगम के प्रबंध निदेशक को कथित जल्दबाजी में तोड़-फोड़ के मामले में तलब किया। मामला फ्रेजर रोड में स्थित एक रेस्टोरेंट से जुड़ा है। न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति सुनील दत्ता मिश्रा की खंडपीठ ने अभिषेक आनंद की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त अधिकारियों को 1 दिसंबर को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा।
वकील ने लगाया आरोप
मामले में वरिष्ठ वकील सत्य दर्शी संजय ने आरोप लगाया कि बेदखली कानूनों के प्रावधानों को लागू किए बिना बिहार राज्य वित्तीय निगम कार्यालय के बाहरी परिसर से मेरे मुवक्किल को बेदखल करने का पूरा प्रकरण जघन्य था। उन्होंने कहा कि मेरा मुवक्किल कानून के प्रावधानों से अनजान था। उन्होंने कहा कि मैजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उनके रेस्तरां पर बुलडोजर चलाने से पहले मेरे मुवक्किल को कोई नोटिस नहीं दिया गया।
पटना हाई कोर्ट का आदेश
वकील ने कहा कि रेस्तरां को बीएसएफसी की ओर से पट्टे पर दिया गया था और बाद में बेदखली की मांग के लिए सिविल कोर्ट से संपर्क करना आवश्यक था। कानून का पालन करने की जगह उद्योग सचिव के कहने पर प्रबंध निदेशक ने पटना के डीएम को रेस्तरां पर बुलडोजर चलाने के लिए पुलिस बल तैनात करने के लिए लिख दिया गया, जो बिल्कुल कानून सम्मत नहीं है।