पटनाः बिहार के कृषि मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर अब तक भूमि संरक्षण निदेशालय द्वारा कार्यानिवत सभी पूर्ण योजनाओं का उद्घाटन पटना मुख्यालय से रिमोट के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर कुल 498 योजनाओं का उद्घाटन किया गया। जिस की कुल लागत 2123.15 लाख रुपये है, जिसमें 227 पक्का चेक डैम एवं साद अवरोधक बांध, 150 आहर-पईन जिणरोद्वार, 62 जल संग्रहन टैंक और 57 कुंआ निर्माण की योजना का उद्घाटन किया गया।
बता दें कि 16 जिलो में इन योजनाओं का उद्घाटन किया गया। वहीं कृषि मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से राज्य में वर्षा जल संचय में बढ़ोतरी होगी, जिससे भू-जल पूर्ण भरण के साथ ही अतिरिक्त 4000 एकड़ में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगा और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकेगी। इन योजना स्थलों के पास वृक्षारोपण से उद्यानिकी, फलोत्पादन एवं पर्यावरण परिस्थितिकी में सुधार के साथ ही मृदा नमी के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। इससे योजना क्षेत्र के किसानों एवं भूमि हिना परिवारों की आर्थिक स्थिति में गुणात्मक वृद्धि होगी। कोरोना के सक्रमण की अवधि में अब तक भूमि संरक्षण निदेशालय की कुल 3,181 योजनाओं में कुल 1,52,718 मानव दिवस का रोजगार सृजन किया गया है।
बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एवं कृषि विभाग, बिहार सरकार द्वारा संचलित नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी के अधीन सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन के कार्यान्वयन हेतु बांका जिला के लिए 47 प्रखंड तकनीकी प्रबंधक पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों के बीच नियोजन पत्र का वितरण किया गया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि बांका जिला में आत्मा योजना क्या अंतर्गत की वर्षों से प्रखंड आस्था पर 47 प्रखंड तकनीकी प्रबंधक एव सहायक तकनीकी प्रबंधक का पद रिक्त था। इन खाली पदों पर विहित प्रकिया के आधार पर आदर्श आरक्षण रोस्टर का अनुपालन करते हुए कृषि एवं कृषि संबंध विषयों में स्नातक अथवा स्नातकोतर डिग्री प्राप्त चयनित अभ्यर्थियों को प्रखंड तकनीकी प्रबंधक एवं सहायक तकनीकि प्रबधक के पद पर सविदा के आधार पर नियोजन पत्र दिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि कर्मियों के योगदान के फलस्वरुप इसके माध्यम से बांका जिला के सभी प्रखंड के ग्राम पंचायत एवं ग्रामस्तर पर किसानों के द्वार तक कृषि एवं कृषि संबध आधुनिक तकनीक की जानकारी प्राप्त होगी। जिसका लाभ उठाते हुए किसान समूह का गठन कर तथा उत्पादक कंपनी का निर्माण कर अपने उत्पाद के लिए बाजार प्राप्त करेंगे, जिससे किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत होंगे।