दहेज के खातिर पति ने ही नवविवाहिता की ले ली जान, 20 दिनों से जिंदगी और मौत से जूझ रही थी महिला।

Patna Desk

 

भागलपुर, दहेज के दानवों की काली करतूत अभी भी अपने समाज में जारी है, दहेज के खातिर फिर एक नवविवाहिता की जान चली गई, ताजा मामला कहलगांव के छोटी कैड़िया गांव की है, छोटी कैड़िया कहलगांव का रहने वाला सखीचंद रमानी के पुत्र पवन कुमार की शादी झारखंड गोड्डा ऊपरबंधा गांव के रहने वाली सुधीर रामानी की 20 वर्षीय पुत्री ज्योति कुमारी से 5 मार्च 2022 को हुई थी, शादी के दौरान ज्योति कुमारी के पिता सुधीर रमानी ने पवन कुमार को एक लाख रुपये और घर के कुछ घरेलू सामान दहेज में दिए थे, इससे पवन को दहेज की लत लग गई और उसने एक मोटरसाइकिल की डिमांड कर दी, मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर पवन ज्योति को हर दिन ताना देना शुरू कर दिया साथ ही उरेव भाषा के साथ साथ गाली गलौज और मारपीट करना शुरू कर दिया,बात यहां तक पहुंच गई कि ज्योति अब परेशान रहने लगी और डिप्रेशन में चली गई, ज्योति का कहना था मेरे पिताजी इतने पैसे वाले नहीं कि बार-बार दहेज में आपको कुछ दे सकें लेकिन दहेज के लोभी कहां मानने वाले थे।

4 दिसंबर को ज्योति के ससुराल में दहेज को लेकर बहस हुई और लड़की डिप्रेशन में आकर अपने शरीर पर केरोसिन तेल डाल कर आग लगा ली, आग की लपटें इतनी तेज थी कि देखते ही देखते ज्योति का पूरा शरीर जल गया, उसे आनन-फानन में परिवार वाले ही जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल मायागंज लेकर आए और वह 20 दिनों से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थी , अंततः 20 दिनों बाद 25 दिसंबर को उसकी मौत मायागंज अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई,

गौरतलब हो कि नवविवाहिता ज्योति की शादी को अभी साल भी नहीं पूरे हुए थे, उनके गर्भ में एक नवजात भी था ज्योति के साथ-साथ उससे आने वाले मेहमान की भी गर्भ में ही मृत्यु हो गई।

ज्योति के पिता सुधीर रमानी ने कहा मेरी बेटी को दहेज के दरिंदों ने केरोसिन तेल छिड़ककर आग लगाकर जान से मार दिया जबकि मेरी बेटी गर्भवती थी फुल के गोद में पल रहा बच्चा भी उसके साथ मर गया मेरी बेटी 20 दिनों से तड़प रही थी अंत में इसकी मृत्यु आज इलाज के दौरान हो गई इसका गुनाहगार सिर्फ और सिर्फ मेरे बेटी का पति पवन और उसका परिवार है।

ज्योति के पति पवन ने अपनी सफाई में कहा कि हमने किसी तरह का दहेज नहीं मांगा है यह सारा सारी मेरे पे इल्जाम लगाया जा रहा है मुझे शादी के समय ₹100000 और कुछ सामान दिए गए थे मैं उसी में खुश हूं।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर दहेज के लोभी अगर इस तरह पांव पसारे रहेंगे तो आम लड़कियों का क्या होगा क्या इसी तरह नवविवाहिता दहेज के लिए आग में झुलसती रहेंगी।

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