रोहतास जिले में रबी फसल के लिए यूरिया की किल्लत किसानों के लिए अब परेशानी का सबब बन चुकी है। किसान यूरिया खाद के लिए बाजारों का चक्कर काट रहे है लेकिन तमाम तरह के विभागीय दावे के बाद भी किसानों को जरूरत के मुताबिक यूरिया नहीं मिल रही है। किसान फसल बुआई के बाद सिंचाई करके यूरिया खाद खेत में देते हैं। लेकिन खाद विक्रेताओं द्वारा किसानों को नैनो लिक्विड यूरिया लेने पर विवश किया जा रहा है। जबकि किसान नैनो यूरिया लेने से कतरा रहे हैं।पौधे की हरियाली के साथ अधिक उपज के लिए अब यूरिया की जरूरत है तो बाजार से यूरिया गायब है। किसान यूरिया खाद के लिए कभी इस बाजार तो कभी उस बाजार तो कभी पैक्स में चक्कर लगा रहे हैं। परंतु किसानों को एक बोरी यूरिया भी नहीं मिल पा रहा है। यूरिया की किल्लत विभाग को कहीं नहीं दिख रही है। किसानों ने बताया कि 15 दिनों से यूरिया के लिए भटक रहे हैं।
खाद विक्रेता एक बोरी यूरिया के साथ एक लीटर नैनो या फिर कुछ अन्य सामान लेने की शर्त रखते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दुकानदारों द्वारा यूरिया खाद की कालाबाजारी की जा रही है तथा खाद की लाइसेंसी दुकान से भी खुलेआम अधिक दर पर यूरिया बेची जा रही है। प्रति बोरी यूरिया की कीमत सरकार द्वारा 266 रुपये निर्धारित की गई है। जबकि बाजार में लाइसेंसी दुकानदार चुपके-चोरी 450 से 500 रुपये प्रति बोरा यूरिया खुलेआम बेच रहे हैं।