डीएन मौआर
औरंगाबाद। मदनपुल पीएचसी मेंई इलाज के अभाव में अज्ञात युवक की मौत ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि अब मामले में राजद के जिला प्रवक्ता सह मदनपुर के जिला पार्षद ने बिहार सरकार से किया जाँच एवं करवाई की मांग की है। राजद की तरफ से कहा गया है कि जिस तरह से घायल युवक के इलाज में लापरवाही बरती गई और उसकी मौत के बाद शव को अस्पताल के बाहर फेंक दिया गया। उसे सही नहीं कहा जा सकता है। राजद ने स्पष्ट किया कि मामले में जो भी लोग दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
आपको बता दें कि औरंगाबाद के मदनपुर के मिठाईया मोड़ के पास घायल अवस्था मे पड़ा अज्ञात युवक मदनपुर थाना को मिला था जिसे पुलिस द्वारा मदनपुर प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र इलाज हेतु भेज दिया गया था लेकिन युवक वहाँ घण्टों तड़पता रहा लेकिन उसे किसी डॉक्टर या कोई स्वास्थ कर्मचारी देखने तक नही गया अंततः उस युवक की तड़पते तड़पते मौत हो गई हद तो तब हो गई जब स्वास्थ कर्मियों के द्वार उठा कर उसे बाहर फेंक दिया गया। इस घटना चक्र को देख राजद प्रवक्ता शंकर यदुवेन्दु ने बिहार सरकार से दोषी अधिकारी एवंम कर्मचारियों के ऊपर कड़ी से कड़ी करवाई की मांग किया है।
वहीं उसने मदनपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकार के द्वारा पत्रकारों को घटना की फोटो तथा वीडियो बनाने पर रोका गया तथा उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया है इसका मैं घोर निंदा करता हूँ आज औरंगाबाद में अधिकारी के अकड़ के सामने आज देश के चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले भी अब सुरक्षित नही है, उनपर भी अब अधिकारी रौब झाड़ रहे है और उन्हें फ़साने की धमकियां भी दे रहे है। उसने कहा कि इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि बिहार में किस तरह की सरकार है। जहाँ अधिकारी निरंकुश घूम रहे है जो अति शर्मनाक है। इस पर बिहार सरकार जल्द से जल्द करवाई करे ताकि जनमानस का अपने सरकार के प्रति भरोसा बना रहे।