*गरीबों के अनाज पर किसकी काली नजर, सरकार की, अधिकारी की या पीडीएस दुकानदार की, पांच किलो अनाज पर आधा किलो काटा जा रहा गरीबों हक़
सरकार द्वारा गरीबों के जीवन को थोड़ा सरल बनाने के लिए राशन का वितरण किया जाता है। कम रुपए में बेहतर राशन मुहैया कराने का उद्देश्य सरकार का यह है कि गरीबों को आसानी से अनाज मिले और गरीब परिवार के लोग भूखे ना सोए। मगर वर्तमान समय में गरीबों को मिलने वाले सरकार के अनाज पर कैमूर जिले के पीडीएस दुकानदारों की काली नजर पड़ गई है। उपभोक्ता सवाल यह उठा रहे हैं कि गरीबों के अनाज पर सरकार की या अधिकारी की या पीडीएस दुकानदारों की काली नजर पड़ी हुई है।
वर्तमान समय में पीडीएस दुकानदार गरीबों के अनाजों में कटौती करना शुरू कर दिया है। पहले गरीबों को अनाज देने के दौरान कुछ रुपए का बढ़ोतरी किया गया है। लेकिन अब स्थिति यह है कि जन वितरण प्रणाली के दुकान पर मिलने वाला अनाज मैं कटौती शुरू हो गया है। पिछले दिनों सरकार द्वारा आदेश जारी किया गया कि अब गरीबों को निशुल्क राशन दिया जाएगा। इस दौरान उपभोक्ताओं को एक फ्री राशन दिया जाता था वह राशन बंद कर दिया गया और एक राशन ही दिया जाएगा दिया जाने वाला राशन का कोई शुल्क नहीं लगेगा यह राशन गरीबों को जनवरी माह से लेकर दिसंबर माह तक फ्री में मिलेगा लेकिन स्थिति यह हो गई है कि वर्तमान समय में पीडीएस दुकानदार गरीबों को मिलने वाले अनाज में आधा केजी अनाज की कटौती कर रहे हैं या नहीं यदि एक उपभोक्ता को पांच किलो राशन मिलता है।
तो अब वैसे उपभोक्ता को आधा किलो कटौती करते हुए साढ़े चार किलो राशन दिया जा रहा है। इस तरह से गरीबों को मिलने वाले अनाज में आधा किलो कटौती किया जा रहा है। जिसके कारण उपभोक्ता परेशान हैं।
– क्या कहते हैं उपभोक्ता
इधर उपभोक्ता राजेश कुमार, श्रवण कुमार, रामखेलावन दुसाध समेत कई लोगों का कहना है कि जीविकापार्जन के लिए यह अनाज काफी महत्वपूर्ण है। मगर हमलोगों के राशन पर सम्बन्धित लोगों की काली नजर पड़ गयी है। जिसके कारण जनवरी माह 2023 में पीडीएस दुकानदारों द्वारा आधा किलो कम राशन दिया जा रहा है यह गरीबों का हक मारा जा रहा है। यह खूलेआम लूट खसोट किया जा रहा है। हो रहे लूट खसोट मामले में सरकार को विशेष कार्रवाई करना चाहिये।
उपरोक्त मामले में पूछे जाने पर भभुआ एसडीएम साकेत कुमार ने बताया कि अगर पीडीएस दुकानदार उपभोक्ताओं को मिलने वाले अनाज में कटौती कर रहे है तो यह गलत है। इस मामले में यदि शिकायत मिलती है तो निश्चित रूप से उक्त पीडीएस दुकानदार पर कार्रवाई की जाएगी।