AES/चमकी बुखार का असर साफ तौर पर दिखने को मिल रहा है, आपको बता दें की बिहार में भीषण गर्मी पर रही है ऐसे में बच्चो पर इसका असर साफ तौर पर देखा जा रहा है. बता दें की भीषण गर्मी के प्रभाव का सबसे ज्यादा असर बच्चो में परता है जिस वजह से AES/चमकी बुखार का खतरा बढ़ने की संभावना रहती है, हालाकि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर पहले से अलर्ट और सतर्क थी जिस वजह से बच्चो में रिकवरी रेट काफी बढ़िया है, बच्चे AES के चपेट में आ तो रहे है लेकिन बहुत जल्द स्वस्थ होकर घर चले जा रही है.
जिले में अबतक 36केस है जिसमे से 23 मुजफ्फरपुर से बाकी अन्य अन्य जिलों से. इस पुरे मामले पर सिविल सर्जन डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने संवाददाता रुपेश कुमार से जानकारी की साझा.