NEWSPR DESK- उन्होंने कहा मणिपुर हिंसा अबतक 6500 एफआईआर, चार हजार घर बर्बाद ,60 हजार लोग बेघर ,150 से अधिक लोगों की हुई हत्या ,300 से अधिक चर्च तोड़े गए लेकिन सरकार नहीं कर रही अमन चैन स्थापित करने की कोशिश।उन्होंने सवर्ण जातियों पर हमला करते हुए कहा कि ईंट पाथने का काम हो, घर बनाने का काम हो ये ब्राह्मण राजपूत नहीं करते हैं ये तो पिछड़ी जाति के ही लोग करते हैं।हिंदुत्व ने ऐसे लोगों को अपमान के अलावा कुछ नहीं दिया।
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी अपने एक दिवसीय दौरे पर मुंगेर पहुंचे।वहीं उन्होंने प्रेस वार्ता कर कहा कि मणिपुर की मैती-कुकी समुदाय के बीच लड़ाई व हरियाणा की नुंह घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार चुप्पी को तोड़ने के लिए इंडिया गठबंधन ने अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।लेकिन संसद में पीएम ने 2 घंटे 13 मिनट की भाषण में सिर्फ 5 मिनट ही मणिपुर घटना पर चलताऊ ढंग से बोलकर निकल गए। उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा में दोनों समुदायों के बीच लड़ाई में 60 हजार लोग पलायन की जिंदगी जी रहे व अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
इसके अलावा 6500 लोगों के खिलाफ एफआईआर, 4,000 घर बर्बाद, 300 चर्च जल चुके हैं। वहीं हरियाणा नुंह की घटना में 6 लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री न तो मणिपुर की हिंसक घटना और न ताे हरियाणा की साम्प्रदायिक हिंसा पर कुछ बोले और न ही दोनों जगहों का दाैरा ही किया। दोनों घटनाओं से देश में गंभीर स्थिति एवं बैचेनी बढ़ती जा रही है। आज मणिपुर घटना का फैलाव दूसरे जगहों पर भी देखने को मिल रहा है।
Byte- शिवानंद तिवारी राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
इसके अलावा जातीय गणना पर बोले कि जातीय गणना होने से ही विकास की योजना को बनाने में सरकार को सुविधा हाेगी।वहीं इस दौरान उन्होंने जाति आधारित जनगणना बोलते हुए सवर्ण समाज पर आक्रामक दिखे और कई सवाल भी खड़े किए।उन्होंने कहा अगर हम सोशल मीडिया जैसे फेसबुक आदि पर कुछ पोस्ट करते हैं तो अपशब्द कॉमेंट्स मेरे ही समाज के लोग करते हैं।
उन्होंने सवर्ण जातियों पर हमला करते हुए कहा कि ईंट पाथने का काम हो, घर बनाने का काम हो ये ब्राह्मण राजपूत नहीं करते हैं ये तो पिछड़ी जाति के ही लोग करते हैं।हिंदुत्व ने ऐसे लोगों को अपमान के अलावा कुछ नहीं दिया।
उन्होंने कहा 1984 में जब हम चुनाव लड़ रहे थे उस समय बूथ पर कब्जा होता था और लोगों से कहा जाता था जाओ तुम्हारा वोट पड़ गया। उस समय यादव समाज की गिनती मजबूत समाज में होती थी लेकिन अपर कास्ट के लोगों द्वारा उन्हें भी खदेड़ दिया जाता था।शिवानंद तिवारी ने कहा जब 1990-91 में मंडल कमीशन लागू हुआ और तब लालू यादव ने एक मुहिम चलाया जिसके बाद समाज में बदलाव आया।
उस अभियान से कर्पूरी ठाकुर ने आरक्षण दिलवाया लेकिन कमजोर जाति होने की वजह से सड़क पर मां बहन की गाली दी जाती थी लेकिन जब लालू यादव ने जब समर्थन करना शुरू किया तो किसी की हिम्मत नहीं थी कि लालू यादव को कोई मां बहन की गाली दे सके।