नई दिल्ली। पीएम केयर फंड में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष NDRF में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा पीएम केयर फंड में जमा पैसा को राष्ट्रीय आपदा कोष में ट्रांसफर नही किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि दोनों फंड अलग हैं। कोरोना के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा के दौरान राहत के लिए नई योजना बनाने की मांग पर कोर्ट ने कहा कि नवंबर 2018 में बनी योजना पर्याप्त है। अलग से योजना बनाने की ज़रूरत नहीं है।
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि एनडीआरएफ फंड भी सीएसआर लाभ के लिए पात्र हैं। वहीं, कपिल सिब्बल ने तर्क दिया था कि एनडीआरएफ में कॉरपोरेट्स का योगदान नहीं होगा, क्योंकि एनडीआरएफ का योगदान सीएसआर के माध्यम से नहीं हो सकता है और उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा।
वहीं, सीनियर वकील दवे ने कहा था कि आपदा राहत के लिए योगदान देने वाले हर फंड को एनडीआरएफ को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। कैसे पीएम केअर्स फंड निजी है, जबकि इसके ट्रस्टी मंत्री हैं और कैसे पीएम केअर्स फंड को सीएसआर का फायदा दिया जा रहा है?
इससे पहले इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने पीएम केअर्स फंड बनाने के निर्णय का बचाव किया था और कहा था कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत डिजास्टर मैनेजमेंट फंड बजट से जुड़ा प्रावधान है और इसमें किसी का निजी योगदान नहीं है। एनडीआरएफ फंड का अस्तित्व पीएम केयर फंड को प्रतिबंधित नहीं करता है।
सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 46 (1)(बी) के अनुरूप, मौजूदा एवं भविष्य में प्राप्त होने वाला सारा चंदा कोविड-19 से निपटने के लिए एनडीआरएफ में डाल देना चाहिए. महामारी से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 10 और 11 के तहत एक राष्ट्रीय योजना तैयार, अधिसूचित और लागू की जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड में प्राप्त राशि का कैग द्वारा ऑडिट नहीं किया जा रहा है और इसका खुलासा नहीं किया जा रहा है।