अंतरिम बजट 2024 सिर्फ रूटीन प्रक्रिया, कर्ज लेकर खर्च चला रही है मोदी सरकार कॉंग्रेस

Patna Desk

NEWSPR DESK- मोदी सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण द्वारा आज पेश किया गया अंतरिम बजट 2024 एक तरह का रूटीन प्रशासनिक प्रक्रिया है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि जब तक नई सरकार नहीं बन जाती तब तक भारत सरकार के पास रूटीन मामले चलाने के लिए प्रयाप्त रकम है।

 

आज संसद में पेश हुए अन्तरिम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, पार्षद प्रतिनिधि शशि किशोर शिशु, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, रंजीत कुमार सिंह, अमित कुमार सिंह उर्फ रिंकू सिंह सुनील कुमार राम।

 

दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे, शिव कुमार चौरसिया, श्रवण पासवान, राजेश अग्रवाल, उदय शंकर पालित, मोहम्मद समद, बलिराम शर्मा, विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार आदि ने कहा कि मोदी सरकार के बीते 10 साल में सिर्फ जुमले बाज़ी हुई है।

 

लोक लुभावन नारे, बड़े-बड़े विज्ञापन, प्रचार-प्रसार में सचिव स्तर के अधिकारियों, सैनिकों, तक को लगाने आदि में लाखों करोड़ खर्च कर भारत के देवतुल्य जनता को गुमराह कर रही है।

 

नेताओं ने कहा कि यह बजट आमजन के आँखों में धूल झोंकने वाला चुनाव केंद्रित बजट है , इस बजट में कुछ भी नया बदलाव नहीं है, केवल आकड़े, पुराने हिसाब, सरकारी योजनाओं की बाजीगरी मात्र है।

 

नेताओं ने कहा कि आज देश मे महँगाई, बेरोजगारी सबसे अहम मुद्दा है । डीज़ल-पेट्रोल-घरेलु गैस की कीमतों में कमी नहीं की गई ना ही जी ए स टी के दायरे में लाया गया उल्टे मोदी सरकार विगत कई वर्षो से लाखों, लाख करोड़ आमजन के जेब से लूटने का काम किया, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजर में कच्चे तेल की कीमत मे 30 % की कमी पिछले कई महीनों से है।

 

नेताओं ने कहा कि आयकर स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं, वर्षो से रेल किराया में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वा ली रियायत को विगत चार वर्षो से बंद जो इस बजट में भी शुरू नहीं हुआ, 35 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने, तथा 80 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों को मुफ्त अनाज यानी देश में 140 करोड़ में 120 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे है? यही आकड़े की बाजीगरी है।
नेताओं ने कहा कि बिहार की राजधानी पटना के बाद सबसे महत्त्वपूर्ण गया जिला के वर्षो से लंबित मांगे जैसे देश के स्मार्ट शहरों की सूची में गया को शामिल करने, गया को रामायण सर्किट से जोड़ने, ऐ रू स्टील प्रॉसेसिंग प्लांट का निर्माण कार्य शुरू नहीं होना, विष्णु पद कॉरिडोर, गया से मुंबई एवं बैंगलुरू के लिए सीधी ट्रेन आदि कोई भी पूरी नहीं हुई जिससे गया वासियों में मायूसी है।
नेताओं ने कहा 47.66 लाख करोड़ के अन्तरिम बजट 2024 में कहीं से देश के ज्वलंत मुद्दा महँगाई एवं बेरोजगारी पर फोकस नहीं किया गया है।
आज के दिन मे मोदी सरकार के कार्यकाल के लगभग 10 वर्ष के कार्यकाल में देश पर 155 लाख करोड़ का कर्ज है, जो पहले केवल 55 लाख करोड़ था, जो प्रमाणित करता है कि कर्ज लेकर देश चलाना।

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