NEWSPR DESK-भारत से लेकर अमेरिका तक अब ‘ड्रिप प्राइसिंग’ काफी सुर्खियां में है. ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेवा देने वाले पोर्टलों ने इसे ग्राहकों की जेब काटने का हथियार बना लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुछ समय पहले अमेरिका से इसे पूरी तरह खत्म करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी. अब भारत में भी उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने भी ड्रिप प्राइसिंग को लेकर ग्राहकों को सतर्क रहने को कहा है. मंत्रालय ने ड्रिप प्राइसिंग की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर एनसीएच 1915 (NCH 1915) और व्हाट्सएप नंबर 8800001915 भी जारी किया है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर एक पोस्ट के जरिए मंत्रालय ने उदाहरण देकर समझाया है कि ड्रिप प्राइसिंग आखिर है क्या.
एक रणनीति के तहत कंपनी या वेबवाइट्स जब ग्राहक को लुभाने के लिए किसी प्रोडक्ट या सर्विस की कीमत का कुछ हिस्सा दिखाती है और वास्तविक कीमत को छुपा लेती है, तो उसे ड्रिप प्राइसिंग कहते हैं. ड्रिप प्राइसिंग में ज्यादातर लोकल टैक्स या बुकिंग चार्ज छिपाए जाते हैं. विज्ञापन, ईमेल या वेबसाइट पर कीमत छिपाकर दिखाई जाती है. ग्राहक कंपनी द्वारा बताई गई कीमत पर जब सामान खरीदता है, तब बिल में इन छुपे चार्जेज को जोड़ दिया जाता है. इससे कीमत बढ़ जाती है. ऐसा करके कंपनियां एक तरह से धोखे से ही कस्टमर को अपना सामान बेचती है.