NEWSPR DESK- बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की लीची देश और दुनियाभर में लोगो की मनपसंदीदा है और यही वजह है कि मुजफ्फरपुर जिले की सीमा पर स्थित वैशाली जिले के कई इलाकों में शाही लीची की बड़े पैमाने पर खेती होती है. बता दे की वैशाली के कटरमाला गांव निवासी चंदेश्वर पांडे 15 वर्षों से लीची की खेती करते आ रहे हैं. चंदेश्वर पांडे जब रेलवे पुलिस की नौकरी से रिटायर हुए तो उनका मन नहीं लग रहा था. तब उन्होंने पूर्वज के द्वारा लगाए गए लीची की बागवानी को आगे बढ़ाने का काम शुरू किया. फरवरी महीने से लेकर 15 जून तक लीची की बागवानी में मजदूर के साथ लगे रहते है. लीची की बागवानी में मौसम के अनुरूप मेहनत और खर्च बढ़ जाता है. एक सप्ताह के अंतराल पर लीची की बागवानी में पानी और दवाई का छिड़काव करना पड़ता है.
इस काम में लगे रहने के कारण उनकी कमाई भी चार एकड़ में 5 लाख तक की हो जाती है. स्थानीय मंडी से लेकर बिहार के बाहर और बिहार के कई जिले में लीची की सप्लाई करते हैं. चंदेश्वर पांडे बताते हैं कि चार एकड़ में लीची की बागवानी है जिससे अच्छी आमदनी हो जाती है. उन्होंने बताया कि एक एकड़ में खर्चा काटकर एक से सवा लाख रुपये तक बच जाता है.