पटना: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय सितंबर में नई दिल्ली में एक मेगा फूड कार्यक्रम आयोजित करेगा। यह खुलासा आज बिहार में एक क्षेत्रीय कार्यक्रम में माननीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री चिराग पासवान ने किया।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के माननीय मंत्री श्री चिराग पासवान ने बिहार के लोगों और सभी आमंत्रित लोगों से आगे आने और विश्व खाद्य भारत में भाग लेने का आग्रह किया, जो खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है और सितंबर से आयोजित किया जा रहा है। 19-22, 2024 नई दिल्ली में। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे वर्ल्ड फूड इंडिया का तीसरा संस्करण वैश्विक खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माताओं, उत्पादकों, निवेशकों, नीति निर्माताओं और संगठनों का एक अनूठा जमावड़ा होगा। मंत्री ने यह भी व्यक्त किया कि मंत्रालय में उनकी भूमिका उनके लिए विशेष है और वह हमेशा अपने गृह राज्य के लिए इसे आगे ले जाना चाहते थे। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के महत्व के बारे में बताया और बताया कि कैसे इस क्षेत्र के लिए जमीनी स्तर पर काम करने से भारत की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में मदद मिल सकती है। सबसे बड़े किसानों में से एक राज्य के रूप में बिहार के महत्व का उल्लेख करते हुए इसकी ताकत में एक बड़ी भूमिका निभानी है। क्षेत्र में कृषि उपज के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की अधिक से अधिक इकाइयां स्थापित कर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र को रोजगार के क्षेत्र के रूप में देखना चाहते हैं। राज्य सरकार लाभार्थियों को प्रोत्साहन प्रदान करने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करती है और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय अपने हितधारकों को सर्वोत्तम सहायता देना चाहता है।
मोफपी के अतिरिक्त सचिव श्री मिन्हाज आलम ने वर्ल्ड फूड इंडिया की यात्रा की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि कैसे इसने भारत को दुनिया के केंद्र में एक उभरते खाद्य प्रसंस्करण केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद की है। पीएचडी चैंबर के महासचिव डॉ. रणजीत मेहता ने मोफपी के प्रयासों की सराहना की और बताया कि कैसे इसने देश भर के दूरदराज के इलाकों में अधिकतम प्रभाव पैदा करने के लिए काम किया है। डॉ. मेहता ने माननीय मंत्री के गतिशील नेतृत्व की सराहना की, जो उनके मंत्रालय का नेतृत्व कर रहा है और देश के कोने-कोने तक इसकी पहुंच बढ़ा रहा है। खाद्य एवं कृषि निदेशक, सुश्री मिली दुबे ने बताया कि कैसे भारत में बहुतायत की समस्या है और हमें भारत के खाद्य पदार्थ को सुरक्षित बनाने के लिए प्रसंस्करण के क्षेत्र में पहल की आवश्यकता है।
यह इस वर्ष के लिए क्षेत्र में अपनी तरह की पहली बैठक थी, जिसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सहयोग से पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित किया गया था। चिराग ने आज की क्षेत्रीय बैठक में उद्योग जगत की महत्वपूर्ण भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस बात पर भी जोर दिया गया कि दुनिया भर में भोजन की बर्बादी के कारण काफी नुकसान हो रहा है और प्रसंस्करण ही खाद्य सुरक्षा और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। एफपीओ, एसएचजी और उद्योग से 300 से अधिक प्रतिभागी अपने नीतिगत सुझाव देने के लिए आगे आए।
माननीय मंत्री ने सभी प्रतिभागियों को धैर्यपूर्वक उत्तर दिया और उनकी प्रतिक्रिया नोट की। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के इनपुट को मंत्रालयों के संबंधित विभागों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने वादा किया कि उनका काम बिहार के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना जारी रहेगा और आश्वासन दिया कि उद्योग को मंत्रालय से पूरा समर्थन मिलेगा।