पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की इच्छा के अनुरूप, बुद्ध के अस्थि कलश को वैशाली के बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के मुख्य स्तूप में स्थापित किया जाएगा। इसके माध्यम से दुनियाभर के बौद्ध धर्मावलंबियों को वैशाली में आने और प्रार्थना करने का अवसर मिलेगा।
300 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा भव्य परिसर
इस प्रोजेक्ट का निर्माण 72 एकड़ क्षेत्र में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। निर्माण कार्य का 75 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है। अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर की तर्ज पर वैशाली का यह बौद्ध स्तूप भी उसी पत्थर से बनाया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में हुआ है।आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित परिसरइस परियोजना को सापुरजी एंड पालनजी कंपनी द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रदीप विष्ट ने बताया कि मुख्य स्तूप के साथ ही परिसर में लाइब्रेरी, मेडिटेशन हॉल, गेस्ट हाउस, विजिटर भवन, मीटिंग हॉल और संग्रहालय जैसी आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है।इनका कार्य लगभग पूरा हो चुका है, केवल मुख्य स्तूप का निर्माण तेजी से चल रहा है।
सीएम नीतीश की विशेष निगरानी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी गंभीर हैं और अब तक चार बार स्थल पर पहुंचकर निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा ले चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि सितंबर महीने तक या उससे पहले इसका उद्घाटन हो जाएगा।
वैशाली को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने की उम्मीद-
यह प्रोजेक्ट न केवल वैशाली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।