NEWSPR DESK PATNA- बिहार के कैमूर जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है। बनारस-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण में आ रही बड़ी रुकावट अब समाप्त हो गई है। किसानों को उनकी भूमि के बदले सर्किल रेट से दोगुना, यानी लगभग चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस महत्वपूर्ण निर्णय को मंजूरी दे दी है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
कैमूर के जिलाधिकारी सावन कुमार ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को एनएचएआई ने स्वीकृति दे दी है। उन्होंने बताया कि आर्बिट्रेटर के फैसले के मुताबिक, अब किसानों को सर्किल रेट से दोगुने मूल्य पर मुआवजा दिया जाएगा। इस निर्णय से एक्सप्रेसवे के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है, जिससे परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी आएगी।भारतमाला परियोजना के तहत बनाए जा रहे इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर बीते एक वर्ष से विवाद जारी था। किसान कम मुआवजे का विरोध कर रहे थे, जिससे परियोजना का कार्य बाधित हो रहा था। किसानों ने सर्किल रेट बढ़ाने की मांग करते हुए आर्बिट्रेटर और कमिश्नर से हस्तक्षेप की अपील की थी।
आर्बिट्रेटर के निर्णय के अनुसार, अब किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा सर्किल रेट के दोगुने दर पर मिलेगा, जो पूर्व निर्धारित राशि से लगभग चार गुना अधिक होगा। एनएचएआई द्वारा इस निर्णय को मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही किसानों को भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी भारत में यातायात की एक अहम धुरी बनेगा, जो बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को आपस में जोड़ेगा। इसके पूरा होने से न केवल व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र का समग्र विकास भी तेज होगा। जिलाधिकारी सावन कुमार ने मुआवजा बढ़ाने के निर्णय को एक सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि किसानों को शीघ्र नई दरों पर भुगतान किया जाएगा, जिससे अब निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सकेगी।