मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार की दिशा में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने लालू-राबड़ी के शासनकाल को याद करते हुए कहा कि उस समय राज्य के अस्पतालों में इलाज की उचित व्यवस्था नहीं थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से पहले राज्य के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में औसतन महज 39 लोग इलाज के लिए आते थे, जबकि अब हर महीने 11,000 लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं।
नीतीश कुमार ने यह भी बताया कि पीएमसीएच अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बनने जा रहा है, जिसमें 5,462 बेड होंगे और हेलीपैड की भी सुविधा होगी, जिससे एयर एम्बुलेंस सीधे अस्पताल में पहुंच सकेगी। 5,540 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उनकी सरकार पहली बार बनी थी, तब राज्य में स्थिति बहुत खराब थी। लोग शाम के बाद बाहर नहीं निकलते थे, समाज में धार्मिक झगड़े होते थे और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी नाजुक थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में सड़कें और चिकित्सा सेवाएं सुधारने के लिए कई प्रयास किए गए हैं।इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उनके पटना पहुंचने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। इस समारोह में देश-विदेश से लगभग 3500 पूर्ववर्ती पीएमसीएच छात्र भी भाग लेंगे।