पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल, शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का शिकार हो गया है। इस हड़ताल के कारण अस्पताल में ओपीडी सेवाओं पर असर पड़ा है, जिससे मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टर अपनी प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण चार महीने से रुके हुए स्टाइपेंड का भुगतान करना है।
हड़ताल करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि पिछले चार महीने से उनका वजीफा नहीं मिल रहा है, जिससे पटना में रहना और खाने-पीने की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वे इस स्थिति में हड़ताल पर जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं देख पा रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, हड़ताल जारी रहेगी। हालांकि, हड़ताल का असर इमरजेंसी सेवाओं पर नहीं पड़ेगा, लेकिन ओपीडी सेवाओं में जूनियर डॉक्टर कोई भी सहायता नहीं प्रदान कर रहे हैं।